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गयाजी आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार मिलेगी ये खास सौगात, जानिए सीएम नीतीश कुमार की अनूठी पहल

गयाजी आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार मिलेगी ये खास सौगात, जानिए सीएम नीतीश कुमार की अनूठी पहल

विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2024, जो 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा, इस बार तीर्थयात्रियों के लिए विशेष होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के तहत, इस साल मेले में पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से शुद्ध 'गंगाजल' उपहार स्वरूप भेंट किया जाएगा। यह अनोखा उपहार पितृपक्ष मेले को और भी खास बनाने वाला है, और श्रद्धालु इसके लिए बेहद उत्साहित हैं। इसको लेकर गया जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं। जल संसाधन विभाग के सहयोग से प्यूरीफाई किया हुआ गंगाजल सुधा डेयरी को उपलब्ध कराया जाएगा, जहां इसकी पैकेजिंग की जाएगी। इसके बाद, विभिन्न सरकारी स्टालों से तीर्थयात्रियों को यह गंगाजल मुफ्त में वितरित किया जाएगा ताकि वे इसे अपने घर तक ले जा सकें।


सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक और जल संसाधन विभाग के समन्वय से गंगाजल की पैकेजिंग की जा रही है। हर पैकेट में 500 मिलीलीटर गंगाजल होगा, जिसे श्रद्धालु पूजा पाठ या पीने के लिए अपने घर ले जा सकेंगे। पैकेजिंग पर सरकार की स्वीकृति के साथ एक विशेष संदेश भी छापा जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से इस उपहार योजना का महत्व बताया जाएगा। डीएम ने बताया कि प्रतिदिन कम से कम 10 हजार श्रद्धालुओं को यह गंगाजल उपहार स्वरूप प्रदान किया जाएगा, और यह संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाई भी जा सकती है।


गयाजी का पितृपक्ष मेला न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लाखों की संख्या में लोग यहां अपने पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण करने के लिए आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गयाजी में पिंडदान का विशेष महत्व है और इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पवित्र फल्गु नदी के देवघाट पर सालों भर पिंडदान के कर्मकांड होते रहते हैं, लेकिन पितृपक्ष के दौरान इस धार्मिक आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं, और गंगाजल उपहार योजना इसे और भी खास बनाने वाली है।


गया की फल्गु नदी, जो सालों भर अंतःसलिल रहती है, यहां के धार्मिक कर्मकांडों का प्रमुख केंद्र है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस नदी में सालों भर पानी बने रहने और श्रद्धालुओं की आस्था को बनाए रखने के लिए गंगा उद्भव योजना की शुरुआत की थी। आज यह योजना गयाजी के पिंडदानियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन चुकी है। फल्गु नदी पर बने गयाजी डैम को भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है।


इस बार का पितृपक्ष मेला, जहां लाखों श्रद्धालु पिंडदान और श्राद्ध के लिए गयाजी आएंगे, वहीं गंगाजल का यह अनोखा उपहार उनकी धार्मिक यात्रा को और भी खास बना देगा। गयाजी में इस प्रकार की पहल पहली बार की जा रही है, और यह तीर्थयात्रियों को एक सुखद अनुभव प्रदान करेगी। मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी श्रद्धालु इस खास उपहार के साथ अपने घर वापस लौटें। 

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