GAYA/PATNA : वाह रे थानेदार! भाषा गुंडों से भी गया गुजरा, चरित्र की बात ही छोड़ दीजिए। वायरल ऑडियो से बेहद भद्दा और छिछोरेपन का एहसास, बिहार पुलिस की वर्दी पहनकर कानून का रखवाला होने का दंभ भरनेवाले इस थानेदार ने तो कानून की चिंदी उड़ाकर रख दी। हालांकि इससे पहले भी वर्दीधारियों के एक से एक कारनामें सामने आ चुके हैं, लेकिन गया जिले के एक थाने के थानेदार के वायरल ऑडियो में वर्दी पर एक और धब्बा लगाने का काम कर दिया है। पढ़ लीजिए खबर जरा विस्तार से...
अब जरा वायरल ऑडियो में जो आवाजें उनका परिचय भी जान लीजिए। फोन पर बातचीत में एक तरफ जिले का शातिर अपराधी जल्लू सिंह हैं, वहीं दूसरी तरफ गया मेन थाने के जिलाध्यक्ष आरडी बर्मन ( राहुल देव बर्मन) हैं। इससे पहले कि हम थानाध्यक्ष की पुराने कारनामों की पोल खोलें, पहले जल्लू सिंह से हुए बातचीत को पढ़ लें कि किस तरह वह एक अपराधी को वह नाजायज हथियार खरीद कर रखने को कह रहे हैं। इतना ही नहीं थानाध्यक्ष राहुल देव बर्मन खुद तो अपने को भ्रष्ट होने का प्रमाण दे हीं रहे हैं। साथ ही एक अन्य पुलिस अधिकारी को भी बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि न्यूज4नेशन इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। अब जरा वायरल ऑडियो से समझिए यह थानेदार है या कुछ और...
थानाध्यक्ष - : तोरा में खुने न है कि जो हम कहेंगे सो करोगे।
जल्लु सिंह -: आप बताइए तो सर रास्ता तो दिखाइए।
थानाध्यक्ष -: हम हैं नौकरी करे वाला आदमी, हम तो दिमाग न देंगे, करना तो तोरे पड़ेगा न।
जल्लु सिंह -: जी सर।
थानाध्यक्ष -: एक बार जा के पाई बिगहा बड़ा बाबू से बात कर ल, जाके बोलिह कि आर डी बर्मन सर भेजे हैं।
जल्लु सिंह -: एक बार हमरा पाई बिगहा बड़ा बाबू से परिचय कर दीजिए सर । फिर हम उनको मैनेज कर लेंगे।
थानाध्यक्ष - ठीक है हम एक दिन आते हैं और सामने बैठकर बात करा देंगे कि ई जल्लु सिंह है और मेरा निजी आदमी है।
जल्लु सिंह -: जी सर।
थानाध्यक्ष -: एगो काम गड़बड़ा गया केसवा न न हुआ मखदूमपुर में, करना है लगकर करवा तू, गुड्डूआ से संपर्क कर कि वह मंत्रीजी से मिलें। वह मख्खन हैं। तुम सब अभी मखदूमपुर जाओ। तुम लोग थाना प्रभारी को आगे कराओ। एसपी साहब कैसे तुम्हारी बात नहीं सुनेगें।
जल्लु सिंह -: जी सर।
थानाध्यक्ष -: लोग कहता है न कि तोर आदमी है, इसलिए तोहरे से ज्यादा बतियाते हैं। यही तोहरे कमाई है, इसलिए केस करो। पहले मखदूमपुर मामले में केस करो, फिर बड़ा बाबू से मिलो और फिर आकर मुझसे मिले।
जल्लु सिंह -: जी सर।
थानाध्यक्ष -: तुमलोग के चक्कर में मेरा तीन लाख का नुकसान हुआ है। एक तरफ वाला एसी लगाने के लिए बोला था। तुम्हारे साथ देखकर खीसिया गया।
जल्लु सिंह -: क्या करें सर, अब कोई उपाय तो है नही।
थानाध्यक्ष -: एक काम करो तुम भी एक दो गो नाजायज हथियार खरीद लो। जे तोरा कबाड़े में लगल है मारो सब मिलकर के उसको।
जल्लु सिंह -: पैसा कहां हई सर। कहां से हथियार लिअई।
थानाध्यक्ष -: ट तोरा से कुछ न होते जा घर जा के सूत जा।
दूसरे ओपी में सेंटिंग कराने की बात
वायरण ऑडियो में सुना जा सकता है कि थानाध्यक्ष पाई बिगहा डीह निवासी एक युवक को एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ जबरन केस दायर करने के लिए उकसा रहे हैं। पाई बिगहा ओपी में शायद नए ज्वाइन किए किसी अधिकारी से सेटिंग कराने की भी बात हो रही है। वहीं किसी अन्य व्यक्ति से निपटने के लिए गैर कानूनी हथियार रखने की भी नसीहत दी जा रही है। इस ऑडियो में सुना जा सकता है कि किस तरह थानाध्यक्ष के मुंह से गालियां बरस रही हैं।
विवादों से नजदीक का रिश्ता
गया मेन थाना के थानाध्यक्ष के रूप में पदस्थापित आरडी बर्मन साहब के साथ विवाद का यह पहला मामला नहीं है। अपने पदस्थापना काल से ही विभिन्न मुद्दों पर चर्चा में रहे हैं। मेन थानाध्यक्ष राहुल देव बर्मन आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर चर्चा में रहे हैं। चाहे मामला थाना क्षेत्र के बाला बिगहा घाट पर पुलिस व बालू माफियाओं के बीच हुए गोलीबारी की घटना का हो या कोरमथु बेला गांव में युवती के साथ कथित यौन शोषण के बाद हत्या का मामला। कोरमथु गांव में अपराधियों द्वारा एक किसान के घर पर अंधाधुंध गोलीबारी की घटना हो या लोजपा नेता रामाश्रय शर्मा के गाड़ी पर गोलीबारी की घटना। यह वह मामले हैं जिनमें बर्मन साहब की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं और उनकी भूमिका संदिग्ध रही है।
महिला ने डीजीपी से की शिकायत – थानाध्यक्ष ने रची बेटे की हत्या की साजिश
गया मेन थाने के थानाध्यक्ष आरडी बर्मन का न सिर्फ ऑडियो सामने आया है, बल्कि एक महिला ने उनके कारनामों को लेकर डीजीपी के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। थाना क्षेत्र के कोयरी बिगहा में रहनेवाली महिला ने अपनी शिकायत में लिखा है कि वह मेरे बेटे को मरवाने के लिए साजिश रचते हैं और इसके लिए अपने दलालों से हथियारों का सौदा करवाते हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान महिला ने थानाध्यक्ष से जुड़े कुछ सबूत भी डीजीपी के सामने प्रस्तुत किए हैं। महिला ने अपनी शिकायत में लिखा है कि वह इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस अधिकारियों को भी दे चुकी हैं, लेकिन वहां से थानाध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
खराब छवि के बाद गया मेन थाने की जिम्मेदारी
आरडी बर्मन गया के उन अधिकारियों में शामिल रहे हैं, जिनके थाना क्षेत्र में हुई हत्या की घटना की जांच के लिए बनी एसआईटी से अलग रखा गया, यह उनकी खराब छवि को बताता है, जिस पर पुलिस के अधिकारी ही विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन इसके बाद चौंकानेवाली बात है कि ऐसे पुलिस अधिकारी को गया के मेन थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
चर्चा यह भी है कि थानाध्यक्ष के दारू बालू की अवैध कमाई में मोटी हिस्सेदारी जिले के वरीय अधिकारियों की भी होती है। अन्यथा उक्त थानाध्यक्ष के खिलाफ इतनी बार शिकायत के बाबजूद इनके ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नही होती।
ऑडियो की जांच कर होगी कार्रवाई-एसएसपी
बड़ी बात यह है कि जो ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसके बारे में पुलिस के वरीय अधिकरियों को कोई जानकारी नहीं है। गया के एसएसपी का कहना है कि फिलहाल ऑडियो अप्राप्त है। मामला संज्ञान में आया है तो ऑडियो की जांच कर कार्रवाई तय की जाएगी।