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धनकुबेर अफसर ! 'करप्शन' के आरोपों में घिरे निबंधन AIG के खिलाफ 6 हफ्ते में जांच होगी पूरी, सरकार ने विप में दिया जवाब

धनकुबेर अफसर ! 'करप्शन' के आरोपों में घिरे निबंधन AIG के खिलाफ 6 हफ्ते में जांच होगी पूरी, सरकार ने विप में दिया जवाब

PATNA: निबंधन विभाग के एक एआईजी के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं. अब यह मामला विधानमंडल पहुंच गया है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि एआईजी काशी कुमार के खिलाफ शिकायत मिली है. जांच के आदेश दिए गए हैं. छह सप्ताह में आगे की कार्रवाई की जायेगी. दरअसल,बीजेपी विधान पार्षद गप्पू बाबू ने निबंधन विभाग पटना में पदस्थापित एआईजी काशी कुमार के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में सवाल पूछा था.

आरोप सही साबित हुए तो होगी कार्रवाई 

बीजेपी एमएलसी ने सवाल पूछा था कि क्या काशी कुमार अपने रसूख के बल पर सहायक निबंधन महानिरीक्षक पटना में छह सालों से पदस्थापित हैं एवं छपरा के प्रभार में हैं?  इसके जवाब में मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने सदन में बताया है कि सहायक निबंधन महा निरीक्षक काशी कुमार पटना में 29 जून 2018 से एवं  छपरा के अतिरिक्त प्रभार में 30 सितंबर 2019 से कार्यरत हैं. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाने एवं अवैध धन उगाही की शिकायत को सरकार ने आंशिक सही बताया है। सरकार की तरफ से निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया कि इनके खिलाफ परिवाद पत्र मिला है. जिसकी जांच के लिए 16 मार्च 2023 को पत्र दिया गया है. सहायक निबंधन महानिरीक्षक पटना को इसका जिम्मा दिया गया है. साथ ही 6 सप्ताह में जांच पूरी कर का निर्देश दिया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी एमएलसी ने उठाये सवाल 

बता दें, बिहार विधान परिषद में गुरुवार को मद्य निषेध विभाग निबंधन विभाग में भ्रष्टाचार का सवाल उठा था. भाजपा एमएलसी राजीव कुमार ने आरोप लगाया कि निबंधन महा निरीक्षक काशी कुमार लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हैं. इनके द्वारा अवैध उगाही कर अकूत संपत्ति अर्जित की गई है. जिसके जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी। 

एक दर्जन जमीन-मकान का उल्लेख 

एआईजी काशी कुमार के खिलाफ आरोप में कहा गया है कि वे 6 वर्ष से पटना में पदस्थापित हैं और छपरा के प्रभार में है. जबकि 3 सालों पर अधिकारियों के स्थानांतरण का प्रावधान है. इनके द्वारा अवैध लाभ के लिए पंडौल में सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाई गई, जिसकी सूची संलग्न है. सिवान में रहते हुए अवैध लाभ प्राप्त कर सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाई. इन्होंने समस्तीपुर में एक घर बनाया है. पटना की वसुंधरा अपार्टमेंट में कमरा नंबर 305 लिया है. मुजफ्फरपुर के बैरिया में मकान बनाया गया है. सिवान में भी एक अपार्टमेंट बनाया जा रहा है. वैशाली के महुआ में पत्नी के नाम पर जमीन ली गई है. इनके द्वारा किशनगंज, परसा, ढाका, बेगूसराय ,मधुबन में भी जमीन लेने की बात कही जा रही है.

बता दें, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सलाहकार भाग्य नारायण चौधरी ने राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, आर्थिक अपराध इकाई और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की थी. शिकायती पत्र में कहा गया है कि सहायक निबंधन महानिरीक्षक काशी कुमार पटना में पदस्थापित हैं. साथ ही छपरा चार्ज में है. इन्हें शीघ्र स्थानांतरित किया जाए. साथ ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की जांच कर कार्रवाई की जाए.

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