शिकायत से परेशान CM नीतीश ने बहाली प्रक्रिया को ही बदल दिया..अब कैसे होगी सेविका-सहायिका की बहाली, पूरी प्रक्रिया जानें....

पटनाः नीतीश कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की नियुक्ति नियमावली में आमूल-चूल परिवर्तन कर दिया है। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक इस अहम बदलाव पर मुहर लग गई। जनता दरबार में सेविका-सहायिका बहाली को लेकर आ रही शिकायत से सीएम नीतीश परेशान हो गए थे। कई दफे उन्होंने अपनी नाराजगी का भी इजहार किया था। साथ ही मुख्यमंत्री सचिवालय और समाज कल्याण विभाग को हिदायत दी थी कि जल्द से जल्द बहाली की नियमावली में बदलाव करें। शिकायत से परेशान नीतीश कुमार ने आखिरकार बहाली नियमावली को ही बदल दिया।

बहाली प्रक्रिया जानें....

 बिहारकैबिनेट ने आज आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका चयन मार्गदर्शिका-2022 को पूर्णतया पारदर्शी बनाने का प्रावधान किया है। अब 12वीं पास ही सेविका और दसवीं पास सहायिका बन सकेंगी। हालांकि चयन अधिकतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर होगा। इसी आधार पर डीडीसी (उप विकास आयुक्त) की अध्यक्षता में गठित समिति मेधा सूची को अंतिम रूप देगी। सहायिका और सेविका के लिए संबंधित वार्ड का होना अनिवार्य होगा। इसके लिए समक्ष प्राधिकार से स्वीकृत आवासीय प्रमाण पत्र देना होगा। मेधा सूची में किसी तरह त्रुटि होने पर एडीएम और प्रमंडलीय आयुक्त को शिकायत करने का प्रावधान किया गया है। बहाली को लेकर उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष होगी। वहीं, 65 वर्ष के उम्र तक सेविका और सहायिका की सेवा होगी।

शराब-ताड़ी छोड़कर दूसरा काम करने वालों के लिए खजाना खुला 

सतत जीविकोपार्जन के तहत शराब एवं ताड़ी छोड़कर दूसरे काम करने वाले संपूर्ण बिहार के गरीब परिवार के लोगों के लिए 6 अरब 10 करोड़ से योजना क्रियान्वित की जायेगी। गरीब परिवारों को जीविका के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण किया जायेगा। इस योजना के तहत शराब एवं ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों को ₹100000 रुपए प्रति परिवार निवेश के लिए दिय़ा जाय़ेगा। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शराब एवं ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े निर्धन परिवार एवं अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य समुदाय को इसका लाभ मिलेगा। सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ने के बाद इन परिवारों को सामाजिक एवं आर्थिक बल मिलेगा .इसके लिए स्वयं सहायता समूह जीविका की मदद ली जायेगी। ग्रामीण विकास विभाग इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनायेगा। 

बिहार अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए विभिन्न कोटि के 24 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. बिहारशरीफ में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्लस-टू आवासीय विद्यालय (720 सीट) के निर्माण के लिए 46 करोड़ ₹797000 की स्वीकृति दी गई है. औरंगाबाद के रफीगंज में शुल्क के आधार पर गैरमजरूआ मालिक जमीन डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया रेल मंत्रालय को हस्तांतरण किया गया है.

औरंगाबाद सदर अस्पताल के डॉ मृत्युंजय कुमार, हसपुरा रेफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ वीरेंद्र कुमार को अनुपस्थित रहने के आरोप में बर्खास्त किया गया है. पटना प्रमंडल के तत्कालीन क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ जनार्दन प्रसाद को शराब सेवन एवं गैर महिला को कमरे में रखने के जुर्म में सेवा से बर्खास्त किया गया है. बिहार सरकारी सेवक कंप्यूटर सक्षमता जांच परीक्षा नियमावली 2022 के गठन की स्वीकृति दी गई है . तत्कालीन कर उपायुक्त खगड़िया अंचल शशिकांत चतुर्वेदी को रिश्वत लेने के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया है.

कोर्ट में बलात्कार एवं पोक्सो एक्ट के तहत केस के निष्पादन के लिए गठित किए जाने वाले 54 अनन्य विशेष न्यायालय के लिए कुल 432 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है .मद्ध निषेध उत्पाद अधिनियम के तहत 8 अतिरिक्त विशेष न्यायालय स्थापित किए जाने के लिए कुल 72 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है .बिहार पुरातत्व एवं संग्रहालय सेवा संशोधन नियमावली 2022 के गठन की स्वीकृति दी गई है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो झंझारपुर के तत्कालीन सहायक अभियंता प्रेम प्रकाश को सेवा से बर्खास्त किया गया है.