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पीएम/सीएम आपदा राहत कोष से दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को मिले चार लाख रूपये : कुमार अर्णज

पीएम/सीएम आपदा राहत कोष से दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को मिले चार लाख रूपये : कुमार अर्णज

PATNA : राज्य के राजकीयकृत, प्रोजेक्ट, राजकीय और उत्क्रमित माध्यमिक /उच्च माध्यमिक विद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षक एवं कर्मियों की असामयिक मृत्यु सेवाकाल में ही कोरोना संक्रमण या कोविड-19 के कारण हो गई है। जिससे इन शिक्षकों व कर्मियों के परिजनों के साथ ही विद्यालय परिवार और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ शोकाकुल एवं मर्माहत है। इन मृतकों में से अधिकांश पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के द्वारा 2006 से विभिन्न काल खंडों में नियुक्त शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष हैं। इन सभी के दिवंगत होने से इनके परिवार गहरे संकट से गुजर रहे हैं। सेवा दशाओं में सुधार तथा विहित वेतन हेतु बीएसटीए द्वारा पिछले वर्ष के अनिश्चितकालीन हड़ताल जिसे कोरोना महामारी ने बुरी तरह प्रभावित किया और अपेक्षित सफलताएं हासिल नहीं हुई। फिर भी दिनांक 20 अगस्त 2020 को अधिसूचित नई सेवा शर्त नियमावली में जो प्रावधान किया गया है।  उसका सहारा दिवंगत शिक्षक केआश्रितों को यथाशीघ्र मिले । ताकि उनका गम कुछ कम हो सके। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ इस संबंध में अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय के नेतृत्व में इसके लिए निरंतर आवश्यक पहल कर रहा हैं।                                

जैसा कि आप सभी को स्मरण होगा 2020 में नई सेवा शर्त के अधिसूचित होने के पूर्व विभागीय संकल्प संख्या 1062 एवं 1063 ,दिनांक 08 सितंबर 2015 के अनुसार सेवा काल में मृत्यु होने पर उनके निकटतम आश्रित को एकमुश्त 400000 रू( चार लाख रुपए) मात्र अनुग्रह अनुदान की राशि प्रदान करने का निर्णय संसूचित था । लेकिन 1 सितंबर 2020 से ईपीएफ एक्ट- 1952  से आच्छादित शिक्षक /पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके निकटतम आश्रितों को ईपीएफ बीमा/ ELDIसे 2.5  से 7लाख का अनुग्रह अनुदान , EPF Corpus जमा राशि ब्याज सहित तथाEPS पेंशन की सुविधा के देने के कारण इन्हें विभागीय संकल्प संख्या 740 दिनांक 1 सितंबर 2020 के द्वारा 4 लाख रुपए की अनुग्रह अनुदान से अलग किया गया। ऐसे में कोविड-19 में मृत्यु होने के बाद संघ के द्वारा चार लाख की  अनुग्रह राशि की तत्काल भुगतान की मांग तथा कोरोणा संबंधी ड्यूटी करने वाले शिक्षकों एवं कर्मियों को कोरोना वैरियर्स मानते हुए 50लाख की बीमा राशि की मांग बिल्कुल जायज है। मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष से चार लाख की राशि कोरोना से दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों के खाते में तत्काल भुगतान होनी चाहिए।                      


NCTE एवं भारत सरकार के निदेशानुसार 31 मार्च 2015 के बाद अनुकंपा के आधार पर शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु प्रशिक्षण अनिवार्य हो गया है । शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता इंटर या समकक्ष प्रशिक्षित एवं टीईटी उत्तीर्णता है। 2020 में अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली के पूर्व की नियोजन नियमावली में अनुकंपा हेतु केवल शिक्षक की नौकरी का प्रावधान था। ऐसे में 31 मार्च 2015 के उपरांत अनुकंपा का लाभ आश्रितों को नहीं मिल पा रहा था। 2020 के सेवा शर्त नियमावली का नियम 15 तथा विभागीय संकल्प 1128, दिनांक 21 अगस्त 2020 तथा ज्ञापांक 273 दिनांक 18 फरवरी 2021 के द्वारा शिक्षक की योग्यता धारित नहीं करने  वाले आश्रित जो इंटर या समकक्ष एवं कंप्यूटर में 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो उसे विद्यालय सहायक तथा मैट्रिक या समकक्ष वाले को विद्यालय परिचारी के पद पर नौकरी मिलना सुनिश्चित हो गया है। इस प्रकार 2020 में अधिसूचित सेवाशर्त नियमावली बीच मझधार में फंसे दिवंगत शिक्षकों के आश्रितों के जीवन को पार करने में भले जहाज नहीं लेकिन छोटी नाव सिद्ध हो रही है। 


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