NALANDA : जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव के आलोक में न्यायालय के आदेश पर मंगलवार को डीएम ने जिला परिषद के 32 सदस्यों का हस्ताक्षर लिया। इस दौरान डीएम कार्यालय में काफी गहमा गहमी देखी गई।
दरअसल 23 जनवरी को डीएम कार्यालय के हरदेव भवन के सभागार में उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिलाधिकारी के द्वारा जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में नालंदा जिले के 32 सदस्य उपस्थित हुए। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हस्ताक्षर लिया गया।
जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध ले गए अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया के संबंध में सदस्यों को 27 जनवरी को लिखित आपत्ति दर्ज करने का समय दिया गया। आपत्ति की सुनवाई के उपरांत जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा पंचायती राज अधिनियम के क्षेत्र 157 के तहत आदेश पारित किया जाएगा। उसके उपरांत और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं मतदान के लिए तिथि निर्धारित होगी।
जिला परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी कहा कि आजाद भारत के इतिहास में आज काला अध्याय था। जिला परिषद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है की सभी 19 जिला परिषद सदस्यों को बिहारशरीफ डीएम कार्यालय बैठक के लिए लाया गया। इसके बाद उन्हें मिनी बस से स्कॉट करके गाड़ी में कैदी की तरह ले जाया गया।जो बिलकुल दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सदस्य के गरिमा के खिलाफ है।
नालंदा से राज की रिपोर्ट