डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रूप, चिकित्सक के बिना मानव जीवन संकट में- डॉ. भावतोष विश्वास

पटना. डॉक्टर भगवान का धरती पर दूसरा रूप है। अगर धरती पर डॉक्टर नहीं होते तो रोगियों का इलाज संभव नहीं था और मानव जीवन संकट में पड़ जाता। यह बातें वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइन्स के रेनाउंड कार्डिओर्थोरेसिक सर्जन प्रो. डॉ भावतोष विश्वास ने बिहटा के 3 अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के नए छात्रों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होने कहा कि युवा छात्र इंडीविजुवल उपलब्धि से आगे बढ़कर सामाजिक सुधार के बारे में सोचेंगे तो बड़ी सफलता प्राप्त होगी। यदि आप अपने ज्ञान का प्रयोग समाज एवं मानवता के लिए करते हैं तो आपका ज्ञान प्राप्त हो जाता है। डिग्री प्राप्त करने वाले डॉक्टर हमेशा निर्धन और आवश्यकमदों की सेवा के लिए तत्पर रहे। युवाओं को प्रभाववाद तथा उपभोक्तावाद से भी दूर रहना होगा। उन्होंने युवाओं को नशे जैसे विनाशकारी प्रवृतियों से भी दूर रहने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि माता-पिता की सेवा ही परमात्मा की सेवा है। उन्होंने छात्रों से चरित्र निर्माण के महत्व पर चर्चा करते हुए दृष्टिकोण निर्माण, व्यावसायिकता और नैतिकता पर बहुत जोर दिया। इस मौके पर प्रोफेसर विश्वास ने अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में विभिन्न वर्गों का दौरा किया और संस्थान के विकास को देखकर बहुत खुश थे। उन्होंने आने वाले वर्षों में तेजी से विकास की कामना की।