डॉक्टर नहीं कर सकेंगे दवा का प्रचार, गिफ्ट लेने पर होगा लाइसेंस रद्द,राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का नया नियम

दिल्ली-  डॉक्टर्स अब किसी दवा या कंपनी का प्रचार नहीं कर सकेंगे.ऐसा मामला सामने आने पर उनका लाईसेंस निरस्त किया जा सकता है.यहीं नहीं डॉक्टर्स अब हिंसक रोगी के चिकित्सा करने से इंकार कर सकतेहैं. एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने नए नियम को देश भर में लागू किया है.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नए नियम के अनुसार डॉक्टर अब हिंसक रोगी के इलाज से मना कर सकते हैं लेकिन उन्हें यह देखना होगा कि ऐसा करने से मरीज की जान की जोखिम का खतरा बढ़ तो नहीं जाएगा. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग  ने पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायिक चारण विनिमय संबंधित अधिसूचना जारी किया. इन नियमों को दो अगस्त से देश भर में लागू कर दिया गया है.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग  के नए नियम के मुताबिक अगर डॉक्टर या उसके परिजन को कोई उपहार,यात्रा सुविधाएं,नक देता है तो उस डॉक्टर का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.इसके अलावा पंजीकृत डॉक्टर सेमिनार, कार्यशाला , सम्मेलन जैसे किसी भी तीसरे पक्ष की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे,जिनका संबंध फार्मा केपनी से हो. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने साफ किया है कि किसी भी स्थिति में डॉक्टर्स उपहार नहीं ले सकेंगे.

 राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग  के नए नियम के मुताबिक सर्जरी या उपचार की लागत के बारे में पूरी जानकारी मरीज को देना आवश्यक है.यहीं नहीं मरीज की जांच करने इलाज शुरु करने से पहले परामर्श शुल्क के बारे में बताना जरुरी है. इसके बाद भी मरीज शुल्क नहीं देता तो डॉक्टर इलाज से इंकार कर सकता है. लेकिन यह आपात स्थिति वाले रोगियों पर लागू नहीं होगा.

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने पंजीकृत डॉक्टर के अपने नाम के आगे मनचाही डिग्री, कोर्स का नाम  लिखने से मनाही कर दी है. .ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है.मरीज को अगर किसी अस्पताल या डॉक्टर  से अपने उपचार की फाइल चाहिए तो उसे पांच दिन में दे देना होगा.