देख रहा न बिनोद ! पीएम मोदी के सामने साष्टांग दंडवत करने वाले नीतीश ने कैसे BJP को गेट आउट कर दिया
 
                    पटना. 25 मार्च 2022 के दिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह था। शपथ ग्रहण समारोह के बीच में नीतीश कुमार की एंट्री होती है। नीतीश धीमी कदमों के साथ मंच की ओर बढ़ते हैं, पहले केशव प्रसाद मौर्य खड़े होकर उनका अभिवादन करते हैं। नीतीश आगे बढ़ते हैं और सीएम योगी से मिलते हैं। जिसके बाद नीतीश झुककर प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हैं इस दौरान मोदी भी अपनी सीट से खड़े होकर उनका स्वागत करते हुए नजर आते हैं।
नीतीश कुमार का पीएम मोदी के सामने साष्टांग दंडवत की मुद्रा में 180 डिग्री का कोन बनाना राजनीति के लिहाजे से कोई सामान्य मुद्रा नहीं थी। जिसकी खूब चर्चा भी हुई। लेकिन पांच महीनों के भीतर आखिर ऐसा क्या हो गया कि नीतीश खुद को अपमानित महसूस करने लगे। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र हो रहा है, तभी साफ़ हो गया था कि जदयू ने भाजपा पर ये आरोप लगाया है।
नीतीश कुमार पहली दफा 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन बहुमत नहीं होने की वजह से उन्हें सात दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ा था। दूसरी बार नीतीश कुमार ने 2005 में बीजेपी के साथ सरकार बनाई। 24 नवंबर 2005 को उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अपना कार्यकाल पूरा करते हुए 24 नवंबर 2010 तक मुख्यमंत्री रहे। तीसरी बार नीतीश कुमार ने 26 नवंबर 2010 को मुख्यमंत्री बने। इन चुनावों में एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल करते हुए 243 में से 206 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में नीतीश को पीएम मैटेरियल के रूप में पेश किया गया. अंततः 2013 में नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया और फिर 2015 में राजद के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई. हालांकि मिट्टी घोटाले में नाम आने के बाद नीतीश ने राजद से नाता तोड़ लिया और 2017 में नीतीश फिर से एनडीए के हो लिए. 2020 में वे फिर एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री बने.
हालांकि योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण से पांच महीने बाद ही नीतीश ने भाजपा को अपना नया रूप दिखा दिया. उनका पीएम मोदी के सामने साष्टांग दंडवत होने का मतलब आत्मसमर्पण तो बिल्कुल नहीं था. नीतीश ने 9 अगस्त को एनडीए से नाता तोड़ने का निर्णय तो इसी ओर इशारा करता है कि आरसीपी को आगे करके जदयू को कमजोर करने की भाजपा की कथित चाल से नीतीश खासे नाराज हुए.
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    