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अशोक राजपथ को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बनेगा डबल डेकर एलिवेटेड रोड, सीएम नीतीश आज करेंगे निर्माण का शुभारंभ

अशोक राजपथ को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए बनेगा डबल डेकर एलिवेटेड रोड, सीएम नीतीश आज करेंगे निर्माण का शुभारंभ

PATNA : पटना के अशोक राजपथ को अब जाम और अत्यधिक ट्रैफिक की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। जाम की परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए करगिल चौक से साइंस कॉलेज तक अशोक राजपथ में 2.20 किलोमीटर लंबे दो लेन डबल डेकर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसक सड़क का शिलान्यास करेंगे। 

तीन साल में होगा निर्माण, 422 करोड़ की लागत

शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के चेयरमैन पंकज पाल ने बताया कि डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण पर 422 करोड़ रुपए खर्च होंगे। तीन साल में निर्माण पूरा होगा। पहले तल की लंबाई 1.50 किलोमीटर होगी जिससे लोग एनआईटी मोड़ की तरफ से गांधी मैदान की ओर बीएन कॉलेज के सामने उतरेंगे। ऊपरी यानी दूसरे तल की लंबाई 2.20 किलोमीटर होगी जिससे लोग गांधी मैदान से पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय होते साइंस कॉलेज और एनआईटी मोड़ जाएंगे। दोनों लेन 2 लेन चौड़ा होगा। 


जगह कम होने के कारण डबल डेकर का लिया फैसला 

राज्य पुल निर्माण निगम के चेयरमैन पंकज पाल ने कहा कि अशोक राजपथ की चौड़ाई कम होने के कारण डबल डेकर फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया गया है। इस डबल डेकर फ्लाईओवर से पीएमसीएच परिसर में मरीज को पहुंचने के लिये चढ़ने और उतरने की सुविधा होगी। पीएमसीएच में मल्टी लेवल पार्किंग बनेंगे। उन पार्किंग से फ्लाईओवर की एंबुलेंस डेडिकेटेड 4 लेन कनेक्टिविटी दी जाएगी। वहीं लोकनायक गंगा पथ से भी इस डबल डेकर फ्लाईओवर की कनेक्टिविटी देने के लिये कृष्णा घाट या इंजीनियरिंग कॉलेज के समीप रास्ता बनाया जाएगा। इस डबल डेकर फ्लाईओवर के नीचे दोनों तरफ सर्विस रोड होगा।

अशोक राजपथ पर गाड़ियों का लोड होगा कम, ऊपर नीचे चलेंगी गाड़ियां

अशोक राजपथ पटना का सबसे व्यस्त रोड माना जाता है। यहां पीएमसीएच, पटना विवि, पटना कॉलेज, साइंस कॉलेज, बीएन कॉलेज, एनआईटी कॉलेज सहित पटना साहिब जाने के लिए भी इसी रास्ते का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इस मार्ग में बने ज्यादातर घर कई दशकों पुराने हैं, साथ ही घनी आबादी है, जो मार्ग से बेहद सटे हुए हैं, जिसके कारण इस रास्ते की चौड़ाई नहीं बढ़ सकती। जबकि गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही थी। जिससे हर दिन जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है।


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