KATIHAR: इन दिनों देश में युवाओं सहित क्रिकेट प्रेमियों पर आईपीएल फीवर छाया हुआ है। देश फिलहाल दो धड़ों में बंट-सा गया है। इनमें से पहले वह लोग हैं, जो क्रिकेट में रुचि रखते हैं। वहीं दूसरे वह लोग हैं जिनको खेल की दुनिया से कोई मतलब नहीं होता। हालांकि यह भी कड़वा सच है कि जैसे ही आईपीएल का सीजन शुरू होता है, सट्टेबाजी का सिलसिला भी समानांतर रूप से चलता रहा है।
सट्टेबाजी और फैंटेसी लीग का है जमाना
आज के वक्त में सट्टेबाजी का ढंग पूरी तरीके से बदल गया है। अब सबकुछ मोबाइल पर ही हो जाता है। वहीं इन सब के बीच कई तरह के फैंटेसी लीग गेम भी शुरू हो गए हैं, जिनमें जनता को मोबाइल पर क्रिकेट टीम बनाकर पैसा कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। इनमें DREAM 11, MPL, सहित कई नाम हैं, जिनके प्रचार हमें आए दिन देखने को मिलते हैं। इसी बीच बात करेंगे कटिहार के एक व्यक्ति की, जिसने सच में फैंटेसी क्रिकेट टीम बनाकर एक करोड़ रुपए जीत लिए हैं।
रातोंरात बदल गई सद्दाम की दुनिया
परदेस में मजदूरी करने वाला सद्दाम हुसैन रातोंरात करोड़पति बन गया है। क्रिकेट की बहुत कम जानकारी रखने वाले कटिहार अमदावाद प्रखंड के लखनपुर गांव के रहने वाले सद्दाम ने ऑनलाइन गेम खेलते हुए "dream11" में क्रिकेट टीम बनाकर एक करोड़ की राशि जीती है। इस रुपए से मानो सद्दाम की दुनिया ही बदल गयी है। इस बड़ी धनराशि की मदद से वह लोगों की मदद कर आगे सुखी जीवन जीना चाहता है।
दरअसल इन दिनों देशभर में क्रिकेट और अन्य खेलों से जुड़े ऑनलाइन गेम बेहद चर्चा में है। खासकर युवा पीढ़ी ऐसे गेम के प्रति फटाफट अमीर बनने के सपना संजोते हुए बेहद आकर्षित होती है। कटिहार के मजदूरी के काम करने वाले सद्दाम हुसैन भी ऐसे ही गेम में किस्मत आजमा कर करोड़पति बन गए हैं। हालांकि इस चक्कर में फंसकर ज्यादातर लोग बर्बाद ही होते हैं। मगर यहां सद्दाम की किस्मत ने उसका साथ दे दिया औऱ वह करोड़पति बन गया।
क्या कहते हैं ऑनलाइन गेम के एक्सपर्ट
इस मामले पर ऑनलाइन गेम के एक्सपर्ट और सॉफ्टवेयर डेवलपर मिथुन कुमार कहते हैं कि निश्चित तौर पर इस उपलब्धि के लिए सद्दाम हुसैन बधाई के पात्र तो हैं मगर ऐसे गेमों में बहुत सारा जोखिम भी है। ऐसे गेम की जो ऑनलाइन पॉलिसी के कारण आपकी निजिता को भंग करते हुए आपसे जुड़े जानकारी सार्वजनिक कर सकते हैं। इसके अलावा यह गेम जीत से ज्यादा हार के लिए जाना जाता है।
जहां तक इसको गैम्बल कहने का सवाल है तो सॉफ्टवेयर डेवलपर मिथुन कहते हैं कि कोर्ट की राय के बाद ऐसे गेम को उस श्रेणी में तो नहीं रखा गया है लेकिन बोलचाल की भाषा में कुछ लोग आज भी ऐसे गेम को जुआ से जोड़कर दिखता है। शायद इसी के कारण इतना चर्चा के बावजूद अब तक कई राज्य में ऐसे गेम पर पाबंदी है। कुल मिलाकर ऑनलाइन गेम के मुद्दे पर सॉफ्टवेयर डेवलपर मिथुन खासकर युवा पीढ़ी के लिए कहते हैं कि सफलता की कोई शॉर्टकट तरीका नहीं होता है, आप बेशक ऐसी चीजों को मनोरंजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।