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बिहार में धड़ल्ले से हो रही नशीले पदार्थों की तस्करी, साल 2023 में 26 सौ किलो से ज्यादा का गांजा पकड़ा गया

बिहार में धड़ल्ले से हो रही नशीले पदार्थों की तस्करी, साल 2023 में  26 सौ किलो से ज्यादा का गांजा पकड़ा गया

पटना- बिहार में शराबबंदी के बाद अब तस्कर नशे के अन्य सामानों की तस्करी धड़ल्ले से कर रहे हैं.बिहार में गांजा की तस्‍करी बढ़ गई है. इस साल तकरीबन दो हजार छह सौ किलो से ज्यादा का गांजा डीआरआई, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और पुलिस के सहयोग से बरामद किया गया है. बिहार में साल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. नशाखोर गांजा, भांग और स्मैक की लत के शिकार हो गए हैं. डीआरआई ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा करते हुए कहा है कि यह नेपाल और बांग्लादेश से तस्करी कर बिहार लाया जाता है.ओडिशा से झारखंड के रास्ते नशे के सामान  की तस्करी हो रही है. पूर्वोत्तर के राज्यों त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश से भी तस्करी के जरिए गांजा बिहार में लाया जाता है.

पुलिस इसे रोकने की कोसिश तो करती है लेकिन चोरी छिपे काफी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्‍करी हो रही है.त्रिपुरा,असम, मणिपुर, उत्तरप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा बिहार में हीं गांजा की तस्काकरी हो रही है.एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल पूरे देश में 131 छापों में 27617 किलो नशीली दवाएं और गांजा डीआरआई ने जब्त किया है. 30 मामलों में 237 किलो हेरोइन, 19 छापों में 38.47 किलो कोकीन जब्त हुई है. इसके अलावे भी दूसरे नशीले पदार्थों की खेप डीआरआई ने पकड़ी है. हवाई अड्डों के कार्गो से भी ये नशीले पदार्थ बरामद हुए हैं.

वहीं सीमांचल में फैलते ड्रग्स कारोबार के पीछे खुफिया एजेंसियों ने बड़ी साजिश के तहत राष्ट्रविरोधी ताकतों की संलिप्तता की आशंका जताई है. सूत्रों के अनुसार  नॉर्थ ईस्ट के रास्ते सीमांचल में स्मैक, चरस, गांजा और ब्राउन शुगर जैसी ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान और चीन में बैठे लोगों की मदद से नार्थ ईस्ट से सीमांचल तक का नेटवर्क संचालित किया जा रहा है.रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि सीमांचल के सभी जिलों के किशोर और युवा तेजी से ड्रग्स के आदी होते जा रहे हैं. इसमें खास तौर पर स्मैक का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इसे इसलिए साजिशन हथियार बनाया गया है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित करता है.



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