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विप की 'हॉट' सीट बना पूर्वी चंपारणः RJD 'सक्षम' कैंडिडेट मैदान में उतारेगा, बड़े 'शिक्षाविद्' के नाम की चर्चा तेज...BJP के लिए आसान नहीं राह

विप की 'हॉट' सीट बना पूर्वी चंपारणः RJD 'सक्षम' कैंडिडेट मैदान में उतारेगा, बड़े 'शिक्षाविद्' के नाम की चर्चा तेज...BJP के लिए आसान नहीं राह

PATNA: बिहार में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ विधानपरिषद चुनाव को लेकर भी सरगर्मी तेज हो गई है। चुनावी मैदान में उतरने वाले संभावित प्रत्याशी दल के नेताओ के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। बिहार में अगले कुछ समय में विधान परिषद की खाली 24 सीटों पर चुनाव होने हैं। इसको लेकल सीटिंग कैंडिडेट समेत अन्य लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। खाली सीटों को भरने के लिए स्थानीय निकायों के वोटर एमएलसी का चयन करेंगे। पूर्वी चंपारण में जिला परिषद चुनाव के बाद जिले की राजनीति में बड़ा परिवर्तन हुआ है। इसका फायदा सीधे तौर पर विपक्षी दल राजद-कांग्रेस को मिला है। विप चुनाव में भी यह उलटफेर देखने को मिल सकता है। राजद इस बार काफी सोच-समझकर बेदाग व हर तरह से सक्षम चेहरे पर दांव लगा सकता है। 

जिला परिषद के बाद अब विप की सीट बनी हॉट

बिहार विधान परिषद में इस समय 51 सदस्य हैं। जबकि कुल सदस्यों की संख्या 75 है। जून में ही 24 सीटें खाली हो चुकी हैं। पंचायत चुनाव में देरी के कारण इन सीटों को नहीं भरा जा सका है। इस बार एमएलसी चुनाव में एनडीए और राजद के बीच सीधा मुकाबला होगा।बताया जाता है कि महागठबंधन में सीटों को लेकर अब तक कोई बात नहीं बन पाई है। राजद अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। विधानपरिषद की पूर्वीचंपारण इस बार हॉट सीट मानी जा रही है। पूर्वीचंपारण में जिला परिषद चुनाव के बाद जिले की राजनीति में अजीब परिवर्तन हुआ है।सत्ता पक्ष के समर्थन से महागठबंधन का उम्मीदवार जिप अध्यक्ष चुन लिया गया।इसके बाद अब विधान परिषद की सीट को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। 

2015 में बबलू गुप्ता जीते थे चुनाव

विधानपरिषद लोकल बॉडी की पूर्वी चंपारण सीट पर 2015 में बीजेपी के बबलू गुप्ता चुनाव जीते थे। उन्होंने राजद प्रत्याशी कलावती देवी को हराया था। हालांकि उस समय रेणु सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़ी थी। त्रिकोमात्मक लड़ाई में बीजेपी समर्थित बबलू गुप्ता ने बाजी मार ली थी। एक बार फिर से चुनाव का बिगुल बजने वाला है। संभावित प्रत्याशी भीतर ही भीतर चुनावी तैयारी में जुटे हैं। लेकिन इस बार की लड़ाई बीजेपी के लिए आसान नहीं दिखती है। 

तेजस्वी बेदाग व सक्षम चेहरे पर लगायेंगे दांव

तेजस्वी यादव इस बार कोई गलती दुहराना नहीं चाहते हैं। लिहाजा कैंडिडेट का चयन पूरी तरह से ठोक बजाकर करेंगे। जानकार बताते हैं कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हर तरह से सक्षम व थैली वाले जीताऊ उम्मीदवार और साफ-सुथरे चेहरे को ही चुनावी मैदान में उतारेंगे। पूर्वीचंपारण सीट पर राजद की तरफ से कई नामों की चर्चा है। उनमें पूर्व विधायक बबलू देव, महेश्वर सिंह व पप्पू दूबे शामिल हैं। कई लोगों ने तो अपनी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा एक नया और बेदाग चेहरे का नाम तेजी से चर्चा में है। वो नाम है मोतिहारी के शिक्षाविद् आलोक शर्मा का. बताया जाता है कि आलोक शर्मा भीतर ही भीतर तैयारी में जुटे हैं। जानकारी के अनुसार आलोक शर्मा बेदाग व निर्गुट हैं। विवाद से कोई नाता नहीं होने की वजह से जिले के राजद विधायक व पूर्व विधायकों को भी इनके नाम पर ऐतराज नहीं है। यूं कहें कि अंदर ही अंदर समर्थन मिल रहा है। आलोक शर्मा के पक्ष में एक जो सबसे पॉजिटिव बात यह कि मोतिहारी के पूर्व सांसद व वर्तमान में राज्यसभा सदस्य व लालू परिवार के काफी करीबी डॉ. अखिलेश सिंह का भी खुला समर्थन है। ऐसे में इनकी भी दावेदारी काफी मजबूत है। हाल ही में संपन्न हुए जिला परिषद चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत के बाद आलोक शर्मा विप सीट के लिए विपक्ष के एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। वैसे सभी संभावित कैंडिडेट टिकट को लेकर अपने चहेते को पकड़े हुए हैं। राजद के सभी संभावित प्रत्याशियों का दावा है कि उनका टिकट पक्का है।  

राजद से इन चार नामों की चर्चा

पूर्व विधायक बबलू देव भी तैयारी कर रहे हैं। महेश्वर सिंह को भी लालू परिवार के करीबी एक एमएलसी पर भरोसा है कि वो उन्हें टिकट दिलवा सकते हैं। वहीं नये चेहरे और बड़े शिक्षाविद् आलोक शर्मा के सिर पर सांसद अखिलेश सिंह का हाथ है। ऐसे में इनकी दावेदारी भी काफी मजबूत है। सबसे खास बात  तो यह कि आलोक शर्मा के ऊपर किसी प्रकार का कोई दाग नहीं है। पूर्व विधायक बबलू देव की छवि को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े होते रहते हैं। वहीं पूर्व विधायक महेश्वर सिंह हाल ही में राजद ज्वाइन किये हैं। इसके पहले वे कई दलों में घुमे और अब फिर से राजद में आये हैं। वहीं पूर्वीचंपारण के जाने-माने शिक्षाविद आलोक शर्मा बेदाग छवि यूं कहें कि कोरा कागज हैं। उन पर किसी तरह के दाग या फिर दल-बदलू का ठप्पा नहीं लगा है। साथ ही वे लंबे समय से सामाजिक व शिक्षा के पेशे से जुटे हैं।  

बीजेपी से इन दो नामों की चर्चा

अगर पूर्वीचंपारण सीट पर सत्ताधारी बीजेपी की बात करें तो दो नामों की चर्चा है। एक तो सीटिंग व निवर्तमान एमएलसी बबलू गुप्ता व दूसरे इसी समाज से आने वाले राजेन्द्र गुप्ता का। जानकार बताते हैं कि मोतिहारी के सांसद व बीजेपी के बड़े नेता राधामोहन सिंह से बबलू गुप्ता से भीतर ही भीतर नाराज हैं। इसका खामियाजा कहीं न कहीं बबलू गुप्ता को उठाना पड़ सकता है। अब एक चर्चा यह है कि राजेन्द्र गुप्ता बीजेपी की तरफ से प्रत्य़ाशी हो सकते हैं।  

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