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ED की जब्त संपत्ति पर शिक्षा माफिया का जबरन कब्जा, प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस से लगाई गुहार, वही माफिया...टॉपर घोटाला वाला 'बच्चा राय' आपको याद ही होगा....

ED की जब्त संपत्ति पर शिक्षा माफिया का जबरन कब्जा, प्रवर्तन निदेशालय ने पुलिस से लगाई गुहार,  वही माफिया...टॉपर घोटाला वाला 'बच्चा राय'  आपको याद ही होगा....

पटना- इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट के नाम से  बेइमानों और भ्रष्ट लोग थर थर कांपते हैं.इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट  यानी ईडी  संपत्ति जब्त करने के लिए जानी जाती है अपको जानकर आश्चर्य होगा कि बिहार में उसी  ईडी की जमीन और संपत्ति पर शिक्षा माफिया ने कब्जा जमा लिया है.  यहीं नहीं शिक्षा माफिया साहब! तो उस जमीन पर  इंटर स्कूल खोलने जा रहे हैं. मामला वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड का है, जहां 2016 के इंटर टॉपर घोटाले के मास्टरमाइंड और शिाशिक्षा माफिया बच्चा राय ने ईडी के कब्जे वाली अपनी जमीन और अन्य संपत्तियों पर धीरे-धीरे कब्जा करना शुरू कर दिया. बच्चा राय ने जब्त बिल्डिंग को अपने कब्जे में लेते हुए उस पर इंटर कॉलेज खोलने जा रहे थे तभी ईडी हरकत में आया और उसने बच्चा राय के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया.

ED के सहायक निदेशक राजीव रंजन ने भगवानपुर थाने में शिक्षा माफिया अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए 24 नवंबर को ही आवेदन दिया था। आवेदन के आधार पर वैशाली के भगवानपुर पुलिस ने शिक्षा माफिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं में 29 नवंबर को केस दर्ज किया। प्रवर्तन निदेशालय की सहायक निदेशक ने थाने में दिए आवेदन में बताया है कि  खाता नं० 153G, खेसरा नं० 685, थाना नं० 273, मौजा किरतपुर राजाराम, थाना भगवानपुर, लालगंज, जिला वैशाली का 42 डिसमिल जमीन जो अमित कुमार पिता राजदेव राय के नाम से निबंधित केवाला सं0 4100 दिनांक 11.10.2010 के द्वारा प्राप्त है। यह प्रवर्तन निदेशालय, पटना क्षेत्रीय कार्यालय, पटना के दखल कब्जा में है।अपराध से आय होने के कारण उक्त भूमि को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 5 (1) के तहत सक्षम प्राधिकारी के आदेश द्वारा जांच के दौरान अंतरिम रूप से संलग्न (Provisional Attachment) किया गया था। इसकी पुष्टि न्याय निर्णयन प्राधिकार, पी.एम.एल.ए. द्वारा 14.09.2018 को धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 8 (3) के तहत पारित आदेश में की गई थी।


पुष्टिकरण आदेश पारित होने पर, उक्त भूमि का कब्जा प्रवर्तन निदेशालय, पटना द्वारा 15.10.2018 को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 8 ( 4 )के तहत ले लिया गया। इस आशय से उक्त भूमि पर यह घोषणा करने वाला साइन बोर्ड लगाया गया था कि यह भूमि प्रवर्तन निदेशालय, पटना क्षेत्रीय कार्यालय, पटना के कब्जे में है। इसके अलावा उक्त भूमि उन संपत्तियों का भी गठन करती है जिन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 8(5) के तहत विशेष न्यायालय, पी.एम.एल.ए., पटना में दायर विशेष वाद सं० 08/2018 में राज्यसात (confiscate) करने की मांग की जा रही है।

 06.10.2023 को प्रवर्तन निदेशालय, पटना क्षेत्रीय कार्यालय, पटना को गुप्त रूप से प्राप्त आवेदन के आलोक में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा उपरोक्त जमीन का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि उपरोक्त जमीन पर अवैध रूप से एवं गैर कानूनी तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य गैर कानूनी है और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 8(3) के तहत विद्वान निर्णायक प्राधिकरण द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है। उक्त कार्य धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 8(4) के तहत प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी आदेश की अवहेलना अमित कुमार पिता राजदेव राय एवं अन्य के द्वारा की गई है। पूर्व में दिनांक 14.06.2022 के पत्राचार के द्वारा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट, हाजीपुर को भी इस बाबत सूचना दी गई थी कि उक्त भूखण्डों पर बगैर सूचित किए किसी तरह का निर्माण कार्य प्रतिबंधित है।

ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 425, 426, 441 और 447 एवं भारतीय दंड संहिता की अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अमित कुमार पिता राजदेव राय तथा इस अपराध में लिप्त अन्य व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाए । ED के इस आवेदन के आधार परम भगवानपुर थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

एक वक्त था जब बिहार का पूरा शिक्षा महकमा माफियाओ के चंगुल में था। बिहार का शिक्षा महकमा माफियागिरी के भेंट चढ़ चुका था। पैसे के दम पर एडमिशन से लेकर परीक्षा पास कराने का व्यवसाय चल रहा था उस दौर में ही टॉपर घोटाला सामने आया और तब शिक्षा माफियाओं पर एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने जांच के बाद माफिया बच्चा राय समेत कई लोगों पर शिकंजा कस उनकी जमीनों को जब्त किया था। टाॅपर घोटाले में वैशाली जिले में स्थित विशुन राय काॅलेज और काॅलेज का प्रिंसिपल बच्चा राय बिहार के शिक्षा महकमे में सबसे बड़े माफिया के तौर पर सामने आए थे। जहां बच्चों को अच्छे नंबर दिलाने और टॉपर बनाने का सिंडिकेट चलाया जा रहा था। जांच के बाद बच्चा राय की गिरफ्तारी हुई और एजेंसी ने बच्चा राय के काॅलेज समेत कई सम्पत्तियों को जब्त कर लिया था।

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