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शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने एसीएस के के पाठक पर कसा तंज, कहा काम करने का मन नहीं किया तो दे दिया इस्तीफा

शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने एसीएस के के पाठक पर कसा तंज, कहा काम करने का मन नहीं किया तो दे दिया इस्तीफा

BEGUSARAI : बिहार सरकार में पदस्थापित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के अपने पद से इस्तीफा देने के मामले में शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की के के पाठक के मन में हम थोड़े ही बैठे है। उनके मन में काम करने का मन नहीं हुआ तो वो इस्तीफा दे दिया हम क्या करें।

इस दौरान चंद्रशेखर ने एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा और राम और धर्म पर अपने पुराने स्टेण्ड पर कायम रहे। बताते चले की शिक्षा विभाग बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर आज बेगूसराय पहुंचे। जहां उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया तथा कार्यक्रम को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी और भारत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता हासिल करने के लिए जनता को तरह-तरह के सब्ज बाग़ दिखाएं और 15 से 20 लाख रुपए हरेक खाते में भेजने का वादा किया। वहीं सरहद एवं सीमा सुरक्षा के संबंध में भी सब्ज बाग़ दिखाएं। जबकि हालत यह है कि लद्दाख, डोकलाम एवं अन्य जगहों पर हमारी जमीन पर चीन ने कब्जा करने का काम किया। 

उन्होंने प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ नौकरी देने की बात कही थी। 9 साल से अधिक बीत जाने के बावजूद अभी तक एक लाख लोगों को भी उन्होंने नौकरी नहीं दी है। अपने आप को चौकीदार की संज्ञा देने वाले नरेंद्र मोदी ने धीरे-धीरे सरकारी संसाधनों को निजी हाथों में बेच दिया। किसानों को आमदनी दुगुनी करने का भरोसा देकर किसानों की लागत दुगुनी कर दी गई। वहीं महंगाई की मार से घर की गृहनिया तक परेशान है। आज हर चीजों का दाम आसमान छू रहा है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने कफन से लेकर नमक तक पर जीएसटी लगाने का काम किया। सीमा सुरक्षा की बात करें तो चीन की बात तो दूर नेपाल जैसे छोटे देश ने भी 7000 एकड़ से अधिक भूमि पर अपना कब्जा कर लिया। नरेंद्र मोदी एवं भाजपा की सरकार ने आज तक सिर्फ हिंदू मुसलमान, कश्मीर पाकिस्तान बात कर लोगों को ठगा है। लेकिन बिहार के नीतीश और तेजस्वी की सरकार ने लोगों से जो वादा किया उसे पुरा किया और लाखों लोगों को नौकरी दी। आज गांव गांव अक्षत भेजने का काम किया जा रहा है और लोगों से उगाही जारी है। जबकि नौकरी देने की बात की जाने चाहिए थी। दुनिया के लोग  चाहे किसी भी धर्म के हो उन्हें अपने भगवान पर आस्था है। गरीबों को चाहिए रोटी कपड़ा और मकान लेकिन आज गरीबों से मकान का हक ले लिया गया।

कहा की प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मार्च 2022 के बाद गरीबों को नहीं मिला है और 12 लाख करोड रुपए की बंदरबाँट कर ली गई। तमिलनाडु के बाद बिहार दूसरा ऐसा राज्य बना जहां जाति आधारित गणना करवाई गई और आज मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास का लाभ भी मिल रहा है। भगवान ने वर्ण व्यवस्था की स्थापना नहीं की और ना ही उन्होंने लोगों को जातियों में विभक्त किया था। लेकिन आज यह लोग जाति में बाँट कर वर्ण व्यवस्था को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। शबरी के बेर खाने वाले राम को हम मानते हैं लेकिन जो सबरी के बेटे को मंदिर में न घुसने दे उसको हम नहीं मानते। 2018 में तात्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जगन्नाथ पुरी मंदिर में घुसने नहीं दिया गया था। वर्तमान राष्ट्रपति को भी घुसने नहीं दिया गया। जब हमने इसी बात को दोहराया और कहा कि जाति प्रथा भगवान के द्वारा नहीं बनाई गई। वह पुरखों की गलती से बनी है। उसे मानने की जरूरत नहीं तो हमारे जीभ की कीमत 10 करोड़ लगा दी गई। वही बात जब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की तो किसी ने चूँ तक नहीं की। 

बेगूसराय से अजय शास्त्री की रिपोर्ट

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