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विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में एक जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है : राजेश कुमार सिंह

विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में एक जाति विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है : राजेश कुमार सिंह

JAMUI : होली का पर्व गले मिलने और आपसी प्रेम दर्शाने का पर्व होता है. लेकिन जिस तरह से होली के दिन मधुबनी जिला के बेनीपट्टी में एक ही परिवार के 6 लोगों की दिनदहाड़े जघन्य हत्या की गयी. यह मानवता पर कलंक है. इसके पूर्व बांका और शिवहर में भी हत्या को अंजाम दिया गया. सरकार इन सभी घटनाओं की न्यायिक जांच कराए और अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी कर उसे सख्त सजा दे. ताकि समाज में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके. 

ये बातें बेनीपट्टी, बांका और शिवहर की घटनाओं से मर्माहत जेपी आंदोलन के सिपाही जेपी सेनानी राजेश कुमार सिंह ने कही. इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार औऱ जिला प्रशासन की अकर्मण्यता पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हर तरह के जुल्म के ख़िलाफ़ संघर्ष उनका इतिहास रहा है और जुल्म को कभी जातियों में नहीं बांटा जाना चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि शासन में बैठे लोग आज हर आपराधिक घटना को जातीय चश्में से देख रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि राजधर्म यह कहता है कि एक राजा की ऩजर में सारी प्रजा बराबर है, पर यहां हर बड़ी घटना पर मरने और मारने वालों की जाति देखी जाती है और जाति पूछ कर कार्रवाई होती है. उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से यह जानने की कोशिश की कि यह संयोग है, या प्रयोग कि गत विधान सभा चुनाव के बाद राज्य में एक जाति विशेष के लोगों को चुन -चुन कर निशाना बनाया जा रहा है. पिछले सात दिनों में बाँका, शिवहर और मधुबनी में सात लोगों को निहायत मामूली विवाद पर बर्बरता पूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया. 

उन्होंने कहा कि अपराधियों के मन से वर्दी का खौफ खत्म हो चुका है और राज्य में भू माफियाओं, शराब माफियाओं और अपराधियों की सामानांतर सरकार चल रही है. सीतामढी में दिन-दहाड़े शराब माफियाओं द्वारा एक सब इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या इसका ताजा उदाहरण है. जेपी सेनानी राजेश कुमार सिंह ने इन तीनों घटनाओं की घटना की न्यायिक जाँच की मांग सरकार से की. साथ ही कहा की सभी अपराधियों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चत हो और उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले. ताकि समाज में अपराधी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न कर सके. उन्होंने सरकार से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपए मुआवजा और एक -एक सरकारी नौकरी भी देने की मांग की. 

जमुई से राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट 

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