कटिहार रेल मंडल के न्यू जलपाईगुड़ी से गबन का एक अनोखा मामला सामने आया है,कटिहार रेल मंडल के न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के टिकट के पैसे बैंक में जमा नहीं करने के मामले में रेल कर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन संबंधित रेल कर्मियों द्वारा हर माह में कम से कम एक से दो दिन स्टेशन पर यात्रियों से आरक्षित और गैर आरक्षित टिकट लेने के बाद दिये गये भाड़ा के पैसे को बैंक में जमा नहीं किया गया था. यह धंधा संबंधित रेल कर्मी द्वारा पिछले तीन से चार वर्षो से किया जा रहा था.
कैसे लगाता था संबंधित रेल कर्मी रेलवे के राजस्व को चूना
रेल कर्मी ने रेलवे के राजस्व को चूना लगाने के लिए संबंधित बैंक का नकली मोहर बनवाया था. रुपये जमा किये जाने पर बैंक से मिलने वाली रसीद का नकली स्वरूप वाली रसीद छपवाया गया था. इसी माह में एक से दो बार स्टेशन से पैसा लेकर बैंक की ओर जाते थे. लेकिन बैंक का मोहर और हस्ताक्षर कर संबंधित रसीद को संबंधित विभाग को भेज देते थे. नकली मोहर और रसीद इतना असली दिखता था कोई भी अधिकारी इसको पकड़ नहीं पाता था.
ऐसे करते थे घोटाला
विभागीय स्तर पर हुई जांच में यह पता चला कि संबंधित रेल कर्मी को पैसे जमा करने के लिए बैंक में जाते समय रेल सुरक्षा बल का सहयोग लेना अनिवार्य था, लेकिन संबंधित रेल कर्मी आरपीएफ को उसके चलान पर हस्ताक्षर कर घर भेज देते थे जरुरत न होने की बात कहकर टाल देते थे. यह कार्य महीनें में एक से दो दिन ही किया जाता था. इस कारण से बुकिंग और आरक्षण काउंटर पर टिकट के मिले पैसे को जमा करने में हो रही भाड़ी गड़बड़ी पर ध्यान नहीं जाता था. आरपीएफ द्वारा भी किसी प्रकार की जानकारी रेलवे को नहीं दी गई थी.
करोड़ों की राशि का गबन
प्रारंभिक जांच में लगभग दो करोड़ से अधिक राशि गबन की बात सामने आयी है. रेलवे सूत्र के माने तो चार से सात करोड़ राशि का गबन हुआ हो सकता है.
जांच जारी
फिलहाल कटिहार रेल मंडल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से जुड़े इस मामले में कटिहार रेल मंडल के एडीआरएम चौधरी विजय कुमार ने कहा कि पूरा मामला विभाग के संज्ञान में आया है और मामले पर गंभीरता से जांच शुरू कर दिया गया है,जांच पूरा होते ही रेलवे के नियम अनुसार कार्रवाई किया जाएगा .फिलहाल संबंधित अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है, इसमें और किसी कर्मी या अधिकारियों की भूमिका पर जांच किया जा रहा है.
कटिहार के श्याम सिंह की रिपोर्ट