पटना: बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने को लेकर सक्षमता परीक्षा ली जा रही है. इस परीक्षा पास करने के लिए नियोजित शिक्षकों को तीन अवसर दिए जा रहे हैं. अगर इसके बावजूद वे उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो वैसे नियोजित शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में कमेटी ने फैसला कर लिया है.
सक्षमता परीक्षा के मुद्दे पर शिक्षा विभाग में शनिवारको अहम बैठक हुई और इसकी अध्यक्षता शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने की. परीक्षा पास करने के तीन अवसर को लेकर इसमें काफी मंथन किया गया. ता दें कि 5 सदस्यीय कमिटी बनने के बाद शनिवार को पहली बैठक हुई थी. इस कमेटी में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, निदेशक राज्य शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा सदस्य के रूप में रखा गया है. कमिटी ने निर्णय किया कि सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने या तीसरे प्रयास में भी पास नहीं होने की स्थिति में नियोजित शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया जाए.दूसरी ओर शिक्षक लगातार सक्षमता परीक्षा के नियमों में संशोधन की मांग कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों को नई नियमावली में कई बिंदुओं पर आपत्ति है.
सक्षमता परीक्षा पास होने पर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा. इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 फरवरी तक चलेगी. सक्षमता परीक्षा के लिए 26 फरवरी से ऑनलाइन मोड में कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आयोजन किया जाएगा, जो 13 मार्च तक चलेगी.
नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में बैठना और इसमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया गया है. परीक्षा पास नहीं किए जाने पर नौकरी से निकाल दिए जाएंगे. शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार सक्षमता परीक्षा को पास करने के लिए नियोजित शिक्षकों को तीन अवसर दिया जाएगा. ऐसे में तीन अवसर में भी जो पास नहीं होंगे उनके साथ क्या होगा इसके लिए केके पाठक की अध्यक्षता में कमिटी बनाई गई थी. इस कमिटी ने निर्णय लिया है कि जो इन तीनों अवसर में पास नहीं होंगे उनकी सेवा बर्खास्त कर दी जाएगी. इस निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया है और सरकार को अंतिम फैसला लेना है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने शनिवार को बैठक की और निर्णय लिया कि साक्षमता परीक्षा कुल चार चरणों में आयोजित किए जाएंगे. इसमें से नियोजित शिक्षा में अधिकतम तीन चरण में ही बैठ सकते हैं. नियोजित शिक्षकों के बीमारी और व्यक्तिगत कारणों को देखते हुए तीन चरण की परीक्षा के बजाय चार चरण की परीक्षा का प्रावधान किया गया है. केके पाठक ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि जो नियोजित शिक्षक परीक्षा में नहीं बैठेंगे अथवा तीन बार में भी पास नहीं होंगे उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.
बता दें कि केके पाठक कि अध्यक्षता में बनी इस समिति में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, निदेशक राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद और निदेशक माध्यमिक शिक्षा इस कमिटी के सदस्य हैं. इसी कमिटी ने शनिवार को यह निर्णय लिया है कि उच्च शिक्षण व्यक्तिगत कारणों से सभी चरण की सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं हो, इसीलिए तीन चरण की परीक्षा के बजाय चार चरण की परीक्षा का प्रावधान किया गया है. नियोजित शिक्षकों को अधिकतम तीन बार बैठने का मौका मिलेगा. सक्षमता परीक्षा के आयोजन की जिम्मेवारी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास है. समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक बहाली परीक्षा के दूसरे चरण में जो अभ्यर्थियों के लिए सिलेबस था वही सिलेबस शिक्षकों के लिए होगा.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में गठित कमिटी के फैसले के अनुसार बिहार स्कूल परीक्षा समिति चार चरण में सक्षमता परीक्षा लेगा. शिक्षकों को परीक्षा में बैठने के लिए मिलेंगे तीन अवसर मिलेंगे. पहली परीक्षा आगामी 26 फरवरी से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. इसके तुरंत बाद दूसरे और तीसरे चरण की भी परीक्षा होगी. अब तीनों बार में पास नहीं करेंगे तो शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी.