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इंजीनियरों की 'सजा' के बाद 'संवेदक' पर लगेगा दण्डः मोतिहारी के 'ऋषि बिल्डर' को इंजीनियरों ने किया था अधिक भुगतान! चपत लगाने वालों पर सालों से लंबित है कार्यवाही

इंजीनियरों की 'सजा' के बाद 'संवेदक' पर लगेगा दण्डः मोतिहारी के 'ऋषि बिल्डर' को इंजीनियरों ने किया था अधिक भुगतान! चपत लगाने वालों पर सालों से लंबित है कार्यवाही

PATNA: बिहार के सुशासन राज हर तरफ फर्जीवाड़ा है। अधिकारियों व इंजीनियरों की मिलीभग सरकारी खजाने में लूट मची है। इंजीनियरिंग सेक्टर में तो बड़े स्तर पर गड़बड़झाला है। मोतिहारी के पथ निर्माण में बड़े स्तर पर सरकारी राशि का वारा-न्यारा किया गया। विभाग के इंजीनियरों ने मोतिहारी रैक प्वाइंट की बजाए चकिया रैक प्वाइंट से ठेकेदारों को कैरेज भुगतान किया। अधिकारियों के इस कारनामें से सरकार को करोड़ों की क्षति हुई । इस मामले में दोषी चार इंजीनियरों के खिलाफ 2020 से विभागीय कार्यवाही चल रही। लेकिन अब तक सरकार को चूना लगाने वाले वैसे इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका परिणाम यह हो रहा कि जिस कंपनी ने कैरेज के रूप में सरकार से अधिक पैसे लिये उनको रिलीफ मिल जा रहा। पथ निर्माण विभाग ने मोतिहारी के ऋषि बिल्डर कंपनी को 10 सालों के ब्लैकलिस्ट किया था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर कंपनी को ब्लैकलिस्ट से हटाना पड़ा है। 

मोतिहारी में हुआ था बड़ा खेल

मोतिहारी में कैरेज का खेल सामने आने के बाद 2020 में ही पथ निर्माण के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता व अन्य इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी जो अब भी जारी है। अब तक वैसे जिम्मेदार लोगों पर फाइनली कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पथ प्रमंडल मोतिहारी के अंतर्गत परशुरामपुर-संग्रामपुर पथ का निर्माण कार्य ऋषि बिल्डर ने किया था। इस सड़क की जांच 11 अप्रैल 2019 को उड़नदस्ता टीम ने की थी. जांच में कई तरह की गड़बड़ी मिली. इसके बाद मोतिहारी के ऋषि बिल्डर्स से 6 अगस्त 2019 को स्पष्टीकरण मांग की गई. कंपनी ने 7 जनवरी 2020 को अपना स्पष्टीकरण समर्पित किया. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर मुख्य अभियंता ने 27 जनवरी 2020 को 10 वर्षों के लिए कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया.

सरकारी खजाने से अधिक राशि लेने का था आरोप

ऋषि बिल्डर ने इस आदेश के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की . कोर्ट ने इस संबंध में 7 जनवरी 2021 को अंतरिम आदेश पारित किया. हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद पथ निर्माण विभाग ने रैक पॉइंट के परिवर्तन के बाद ढुलाई मद में किए गए अतिरिक्त भुगतान- जीएसटी की राशि का भुगतान एवं अन्य अनियमितता के बिंदु पर संवेदक से फ्रेस show-cause किया. अनियमितता के बिंदु पर संवेदक ने 12 जनवरी 2022 को अपना जवाब दिया। संवेदक के स्पष्टीकरण की समीक्षा पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने की।

दोषी अभियंताओं को मिले दंड़ के आधार पर कंपनी पर होगी कार्रवाई

 ऋषि बिल्डर के स्पष्टीकरण के बिंदू पर पथ समीक्षा की गई. संवेदक ने जवाब दिया था कि अनियमितता के सभी 4 बिंदुओं पर विभागीय पदाधिकारियों के अनुमोदन के बाद ही भुगतान ली गई. इसमें संवेदक की कोई भूमिका नहीं है. इसके बाद पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्णय लिया कि सभी पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने की वजह से अंतिम निर्णय  इंजीनियरों पर होने वाले दंड़ के आधार पर जवाबदेही तय होगी। साथ ही दंड़ का निर्धारण होगा। हालांकि अधीक्षण अभियंता व अन्य 4 इंजीनियरों पर विभागीय कार्यवाही में क्या दंड दिया जाता है उसी आधार पर ठेकेदार द्वारा लिए गए अंतर भुगतान संबंधी निर्णय लिया जाएगा। इस तरह से विभागीय कार्यवाही में देरी होने की वजह से पथ निर्माण विभाग ने मोतिहारी के ऋषि बिल्डर को काली सूची से हटा दिया है। 




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