भड़के भाजपा MLC ने 'नीतीश-पाठक' को खूब सुनाया, कहा- सब लोग निपुतर ही है क्या ? बेंच-डेस्क खऱीद में 900 करोड़ का घोटाला है, हिम्मत है तो जांच कराइए, शिक्षकों ने चुनाव में चाकू चलाया तो....

PATNA: होली में भी शिक्षकों की छुट्टी कैंसल कर प्रशिक्षण देने का मुद्दा गंभीर होते जा रहा है. शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी खुलकर मैदान में उतर गई है. बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता व विधान पार्षद नवल किशोर यादव शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भड़क गए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि शिक्षकों को गुलाम समझने की भूल न करें. शिक्षकों ने इस बार के चुनाव में चाकू पजाकर चला दिया तो जीभ निकल जाएगा.
भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने रविवार को नीतीश कुमार और केके पाठक पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि आप शिक्षक को गुलाम समझते हैं क्या...शिक्षक विद्रोही होता है. जो गुलाम हो गया वह शिक्षक नहीं. शिक्षक जानता है की फल का टेस्ट सीजन में ही किया जाता है . शिक्षक सीजन को भी जानता है और टेस्ट को भी जानता है, विद्रोह करना भी जानता है और लड़ना भी जानता है. केके पाठक इस लिए यह सब कर रहे हैं कि 900 करोड़ का जो बेंच डेस्क खरीद करना है. 900 करोड़ में जो घोटाला है वह 60% और 70% है. उन्होंने कहा कि घोटाले से दिमाग को डायवर्ट करने के लिए यह सब काम हो रहा है.
नवल किशोर यादव ने सवाल किया कि क्या शिक्षक का बाल बच्चा नहीं है जो होली में ट्रेनिंग पर बुला लिए हैं. केके पाठक की तरह सब कोई निपुत्र है. यहां तो बड़े-बड़े नेता भी निपुतर हैं, बेटा बेटी कुछ नहीं है. दिमाग डायवर्ट करने के लिए, माल प्रैक्टिस करने का खेल चल रहा है. मार्च क्लोजिंग है,लिहाजा जल्दी-जल्दी माल फ्राई करने की कोशिश की जा रही है. मेरी खुली चुनौती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले की जांच कराएँ. माल प्रैक्टिस के लिए ही शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, यहां पढ़ाई की बात नहीं ट्रेनिंग की बात होती है .कभी स्कूल जाने की बात होती है तो कभी खाना खिलाने की बात होती है. केके पाठक ने सब कुछ ठीक ही कर दिया है तो सभी अफसर अपने बच्चों को क्यों नहीं सरकारी स्कूल में भेज रहे हैं. हमलोग ईंट से ईंट बजा देंगे. जो लोग यह समझ रहे हैं कि शिक्षक गुलाम है, बंधुआ मजदूर उनका मुंह चुरा जाएगा .होली में छुट्टी नहीं दीजिएगा तो लोग पुआ ईद में खाएगा.
उन्होंने कहा कि मामला छुट्टी का नहीं है. माल प्रैक्टिस का पूरा खेल है. इसी धंधे को सफल करने के लिए लोगों को डायवर्ट किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के के पाठक से प्यार करते हैं कि क्या करते हैं, हम नहीं जानते हैं. लेकिन जो अनर्थ होगा उसके खिलाफ बिगूल बजेगा. हिम्मत है तो बिहार सरकार में जितने लोग हैं उनकी छुट्टी करके दिखाएं. शिक्षक अगर चाकू की धार तेज कर चुनाव में बताया तो जीभ निकल जाएगा.