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मेयर, डिप्टी, वार्ड पार्षदों के लिए चुनाव में खर्च की सीमा का हुआ निर्धारण, जानें वोटरों को जीतने के लिए जेबें कितनी करनी होगी खाली

मेयर, डिप्टी, वार्ड पार्षदों के लिए चुनाव में खर्च की सीमा का हुआ निर्धारण, जानें वोटरों को जीतने के लिए जेबें कितनी करनी होगी खाली

PATNA : बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। सभी निकायों में नए वार्ड के निर्धारण के लिए सर्वे का काम चल रहा है। वहीं अब चुनाव में मेयर, डिप्टी और वार्ड पार्षद का चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा का भी निर्धारण कर दिया गया  है। इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग ने बिहार नगरपालिका निर्वाचन संशोधन नियमावली 2022 की अधिसूचना जारी कर दी है। 

नगर पंचायत में वार्ड पार्षद उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 20 हजार रखी गई है। इसी तरह नगर परिषद में वार्ड पार्षद उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 40 हजार रुपए रखी गई है। नगर निगमों में वार्ड के अंतर्गत मतदाताओं की संख्या अगर चार हजार से 10 हजार के बीच है तो वहां पार्षद उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 60 हजार रुपए होगी। नगर निगम के किसी वार्ड में अगर मतदाताओं की संख्या 10001 से 20 हजार के बीच है तो वहां के वार्ड पार्षद उम्मीदवार की चुनाव खर्च सीमा 80 हजार रुपए होगी। एक महीने के भीतर चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं सौंपने पर कार्रवाई होगी।

मेयर-डिप्टी मेयर चुनावी खर्च का यह है फार्मूला

मेयर-डिप्टी मेयर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के वार्ड पार्षदों की बजाय प्रत्यक्ष जनता के बीच से चुने जाने के कारण इनके लिए चुनाव खर्च की सीमा का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत वार्ड पार्षद उम्मीदवार की खर्च सीमा में वार्ड की संख्या से गुणा करने पर जो परिणाम आता है, उसका आधा मेयर-डिप्टी मेयर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की चुनाव खर्च सीमा होगी। उदाहरण के लिए पटना में 75 वार्ड हैं। हर वार्ड की आबादी औसतन 16 हजार है। ऐसे में हर वार्ड पार्षद चुनाव में 80 हजार खर्च कर सकेगा। वहीं वार्डों की कुल संख्या और वार्ड पार्षद की निर्धारित खर्च राशि का  गुणा करने पर 60 लाख होता है। इसका आधा 30 लाख होगा। लगभग यही 30 लाख मेयर या डिप्टी मेयर उम्मीदवार के चुनाव खर्च की सीमा होगी। यही फार्मूला पूरे राज्य में लागू होगा

बता दें कि बिहार निकाय चुनाव में पहली बार मेयर, डिप्टी मेयर, चेयरमैन सहित सभी पदों के लिए जनता की वोटिंग से फैसला होना है। इस संबंध में कानून भी बना दिया गया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।




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