बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

लक्ष्मी कृपा से बचे हैं फर्जी शिक्षक ! मोतिहारी में फर्जी प्रमाण पत्र वाले 93 'गुरूजी' पर 'अफसरों' की बरस रही कृपा, तभी तो लेटर का हो रहा खेल

लक्ष्मी कृपा से बचे हैं फर्जी शिक्षक ! मोतिहारी में फर्जी प्रमाण पत्र वाले 93 'गुरूजी' पर 'अफसरों' की बरस रही कृपा, तभी तो लेटर का हो रहा खेल

PATNA: मोतिहारी में फर्जी शिक्षकों पर मुकदमे वाली फाइल को जिला से लेकर प्रखंड नियोजन के अफसर दबाये बैठे हैं।आखिर सरकारी सिस्टम इतना मेहरबान क्यों है....। जिन अधिकारियों को फर्जी प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों पर केस करने का जिम्मा था वे दम साध कर बैठे हैं। आप समझ सकते हैं कि अफसर अगर चुप हैं तो इसके पीछे किसकी कृपा है।  असली वजह क्या हो सकती है? असली वजह वही है जो आजकल प्रचलन में है। बिना लक्ष्मी कृपा के यह संभव नहीं था कि तीन महीना बीतने के बाद भी फर्जी शिक्षक पर केस न हो। कोई अफसर पत्र नहीं मिलने की बात कर रहे तो कोई कह रहे कि हम तो पांच दिन पहले ही प्रभार लिये हैं। इस तरह का खेल मोतिहारी में चल रहा।  

8 जनवरी 2022 से चल रहा खेल

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने 8 जनवरी 2022 को ही मोतिहारी के डीईओ को फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल होने वाले शिक्षा शिक्षक अभ्यर्थियों पर केस दर्ज करने को कहा था. इसके पहले पूर्वी चंपारण के डीएम ने भी 2 सितंबर 2021 को ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में आदेश दिया था. इसके बाद भी 93 शिक्षक अभ्यर्थियों पर अब तक केस दर्ज करने की कार्रवाई नहीं की गई है.अधिकारी एक-दूसरे को पत्र भेज केस दर्ज कराने का घोड़ा दौड़ा रहे। तीन महीनों में एक भी फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी पर केस दर्ज नहीं हो सका। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 6 अप्रैल को फिर से सभी नगर पंचायत नियोजन इकाई, प्रखंड नियोजन समिति के सचिव, पंचायत शिक्षक नियोजन समिति को पत्र लिख 2दिनों में केस दर्ज करने को कहा। लेकिन आज तक एक भी फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी पर केस दर्ज नहीं किया जा सका है। इसके पहले डीईओ ने18 फरवरी 2022 को सभी नियोजन समिति के सचिव को पत्र लिख केस दर्ज करने की खानापूर्ति की थी। 

अब क्या कहते हैं जिम्मेदार अफसर? 

फर्जी शिक्षकों पर नियोजन इकाई के सचिव को केस करना था। केस दर्ज करने को लेकर जिला स्तर से दो-दो बार पत्र भेजा गया। अरेराज नगर पंचायत में भी फर्जी प्रमाण पत्र पर कई शिक्षक बहाल हुए। लेकिन अब तक केस नहीं किया गया। पूछने पर नगर पंचायत के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी रौशन कुमार ने कहा कि चार दिन पूर्व प्रभार मिला है । फाइल को देखकर अग्रतर कार्रवाई की जायेगी। वहीं, पहाडपुर बीडीओ ने बताया कि मेरे पास डीईओ कार्यालय से कोई आदेश नही आया है ।आदेश मिलते ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। जबकि डीपीओ प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि सभी नियोजन इकाई को फर्जी शिक्षक अभ्यर्थी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। पहले आदेश के बाद फिर से प्रधान सचिव के निर्देश पर दुबारा आदेश दिया गया है । उसके बाद कार्रवाई नहीं करने वाले नियोजन इकाई के सचिव के विरुद्ध एक्शन की सिफारिश वरीय अधिकारियों को भेजी जायेगी। 

लेटर का खेल

मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र में कहा गया कि प्रारंभिक शिक्षक नियोजन वर्ष 2019-20 के तहत पहले, दूसरे एवं तीसरे चक्र की काउंसलिंग में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली की शिकायत मिली थी। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता प्रमाण पत्र,सीटीईटी-बीटीईटी प्रमाण-पत्रों की जांच के लिए निर्देश दिये गए थे। जिसके बाद बीटीईटी का सत्यापन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से तथा सीटीईटी प्रमाण पत्र का सत्यापन वेबसाइट से 12 जनवरी 2022 के द्वारा गठित कमेटी से कराई गई. डीईओ ने अपने पत्र में कहा है कि जांच के बाद फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए 18 फरवरी को ही आदेश दिया गया. लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है.


Suggested News