बक्सर-चौसा थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा की मांग को लेकर प्रभावित किसानों द्वारा किये गए आंदोलन में शामिल आंदोलनकारी किसान नेता बनारपुर निवासी मुन्ना तिवारी और अंशु कुमार चौबे के घर न्यायालय के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी के नेतृत्व में कुर्की जब्ती की गई. दोनों किसान नेताओं के घर आठ मई को न्यायालय द्वारा वारंट जारी करते हुए घर पर इश्तेहार चस्पा का निर्देश दिया गया था. पुलिस द्वारा इश्तेहार भी चस्पाया गया था. बावजूद दोनों न्यायालय में हाजिर नहीं हुए. जिसके बाद व्यवहार न्यायालय द्वारा कुर्की वारंट जारी किया गया जिसके आलोक में कार्रवाई की गयी.
न्यायालय के निर्देश पर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा व एसडीपीओ धीरज कुमार के साथ भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस बल बनारपुर पहुंचे और दोनों वारंटियों के घर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गई. जिसमें घर का दरवाजा और खिड़की आदि समान उठवा थाने लाया गया.
बता दें आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात किसानों द्वारा धरना नहीं हटाने पर 20 मार्च को पुलिस प्रशासन द्वारा बलपूर्वक थर्मल पावर के मुख्य गेट से हटाने के बाद बनारपुर गांव में तोड़-फोड़ किया गया. जिसमें पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में बक्सर सदर डीएसपी और तत्कालीन मुफस्सिल थाना अध्यक्ष को चोट आई थी. इस मामले में एक दर्जन से ऊपर पुरुष महिला किसानों की भी गंभीर चोटें आई थी.
जिला प्रशासन द्वारा इस घटना में बाद 35 से ज्यादा किसानों पर नामजद और 300 अज्ञात किसानों पर एफआईआर दर्ज कर सरकारी काम में बाधा, धारा 144 का उल्लंघन, पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमला आदि का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जहाँ छापेमारी कर अधिकतर नामजद किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इसमे अंशु चौबे और मुन्ना तिवारी फरार रहे थे. जिसकी पश्चात न्यायालय के निर्देश पर कार्रवाई हुई.
रिपोर्ट-संदीप वर्मा