डेस्क... भारत में फास्टैग को लेकर सरकार पूरी तरह से सक्रिय है। लोगों से लगतार फास्टैग का इस्तेमाल करने के लिए आग्रह किया जा रहा है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया को कहा कि टोल पर फास्टैग से भुगतान करने पर 20,000 करोड़ रुपये ईंधन की बचत कर सकते हैं। इसके साथ ही 10,000 करोड़ रुपये तक का राज्य टैक्स भी जमा हो सकती है | सड़क परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर लाइव स्थिति का आकलन करने के लिए एक रेटिंग सिस्टम को लॉन्च किया है। जिसके माध्यम से राजमार्ग पर मिलने वाली सुविधाओं की पूरी ताह से जांच की जा सकेगी।
इलेक्ट्रॉनिक टोल के संग्रह के लिए हाईवे पर फास्टैग से भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतार से छूटकारा मिलेगी । इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह में 10,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष रॉयल्टी को भी बढ़ावा मिलेगा ।
जानकारी के लिए बता दें, 16 फरवरी 2021 से टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से भुगतान को अनिवार्य करने के बाद टोल संग्रह में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा कि फस्टैग के माध्यम से दैनिक टोल संग्रह 104 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। गडकरी ने कहा कि "टोलिंग के लिए एक नया जीपीएस(GPS) आधारित सिस्टम चालू किया जा रहा है, जहां प्रवेश और निकास बिंदुओं के आधार पर यात्रा की जाने वाली दूरी के लिए राजमार्ग यात्रियों को भुगतान करना होगा।"
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रणाली को पेश करने में अभी दो साल का समय लगेगा। दिसंबर 2016 में ई-टोलिंग की शुरुआत के बाद इसके तहत कवर किए गए टोल प्लाजा की संख्या 793 तक पहुंच गई , जो मार्च 2018 में 403 थे।
एक बात तो तय है की फ़ास्टट्रैक के इस्तेमाल से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी क्यूंकि इससे लोग लम्बी कतार से बच पाएंगे साथ ही साथ सरकार का काम भी आसन हो जायेगा |