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देश के लिए शहीद हुए पुत्र पर पिता को गर्व, मेजर मनोज कुमार की शहादत से पैतृक गाँव और परिजनों के बीच छाई मायूसी, गमगीन हुआ माहौल

देश के लिए शहीद हुए पुत्र पर पिता को गर्व, मेजर मनोज कुमार की शहादत से पैतृक गाँव और परिजनों के बीच छाई मायूसी, गमगीन हुआ माहौल

PATNA- कश्मीर के लद्दाख घाटी में तैनात देश के लिए शहीद हुए वीर जवान मेजर मनोज कुमार की शहादत पर परिजनों में मायूसी छाई  है,  वहीं  उनके पैतृक गाँव का माहौल गमगीन है. अपने मातृ भूमि और देश के लिए अपने शहादत देने वाले पुत्र पर पिता को गर्व है. पिता ने बताया यह हमारे परिवार के लिए गहरा आघात तो है लेकिन दूसरी तरफ हमें अपने लाल पर गर्व भी है देश के लिए अपनी शहदत देना विरले को हीं नसीब होती है.

कश्मीर के लद्दाख घाटी में तैनात भारतीय सेना के वीर जवान मेजर मनोज कुमार की देश लिए अपनी शहदत देने की खबर जैसे हीं  पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के खिड़ीमोड़ थाने के पैतृक गाँव खिड़ीमोड़ गाँव में जब आई तो उनके परिजनों में कोहराम मच गया, आसपास के सभी गावों के साथ साथ पुरे पालीगंज अनुमंडल क्षेत्रमें यह खबर देर शाम होते होते आग की लपटो की तरह फ़ैल गई, परिजनों में कोहराम मच गया.पुरे गाँव में विरानी और मायूसी छाई हुई है.पूरे गाँव में गमगीन माहौल है.लेकिन दूसरी तरफ पिता को अपने देश के लिए  शहादत देने वाले पुत्र पर गर्व है.जानकारी के अनुसार पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के खिड़ीमोड थाने सह खिड़ी मोड़ गांव निवासी विद्यानंद सिंह के पुत्र मेजर मनोज कुमार भारतीय सेना में कश्मीर के लद्दाख घाट में तैनात थे,बीते कल अचानक उनके देश के लिए शहीद होने की खबर पैतृक गांव मैं आई, तो कोहराम मच गया, परिजनों के बीच रोने पीटने से पूरा घर में हाहाकार मच गया, वहीं दूसरी गाँव में जब यह खबर ग्रामीणों को मिली तो ग्रामीणों की भीड़ बड़े पैमाने पर उनके घर जुटने लगी साथ ही आसपास के कई गावों के लोग भी आने लगे,देश के लिए शाहदत देने वाले अपने लाल की खबर जानने और अंतिम दर्शन के लिए देर रात तक लोग पहुंचते रहे.

देश के लिए शहादत देने वाले मनोज कुमार चार भाइयों में सबसे बड़े थे, उन्ही के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, उन्होंने गरीबी से जूझते अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ अपने पुरे परिवार की जिम्मेदारी अपने मजबूत कंधों पर उठा रखी थी. पिता विद्यानंद सिंह को अपने होनहार पुत्र पर नाज और काफ़ी गर्व है जिसने अपने देश के लिए कुर्बानी देते हुए अपनी प्राणों की आहुति देते हुए अपनी बलिदान दिया. पिता विद्यानंद सिंह कहते हैं कि मुझे अपने पुत्र की खोने की गम तो है उनकी देश के लिए शहादत देने पर मुझे और मेरे परिवार की गर्व भी महसूस हो रही है यह उपलब्धि सभी पिता को नहीं मिलती मुझे अपने पुत्र की खोने की गम तो जरूर है लेकिन देश के लिए सेवा करते हुए अपने शहादत देना सभी को यह नसीब नहीं होती है यह हमारे परिवार के लिए गर्व की बात है, दूसरी तरफ  मेजर मनोज कुमार अपने पीछे पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं. उनका पार्थिव शरीर आज पहुंचने की उम्मीद है.

 जैसे-जैसे यह खबर लोगों तक पहुंच रही है शहीद मेजर मनोज कुमार के पैतृक गांव खेड़ीमोड लोग पहुंच रहे हैं और उनके परिवार को ढाढस बांधा रहे है. गांव में  हजारों लोगों की ताँता लगा हुआ, उनके पैतृक गाँव शव पहुंचने पर और उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है.

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