BHAGALPUR : भागलपुर शहर के तटवर्ती क्षेत्र के मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस जाने से तबाही का मंजर है। जबकि सबौर, खनकित्ता,घोषपुर के पास एनएच 80 पर भी पानी आ गया है। नारायणपुर प्रखंड में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है और लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया हैं। कई जगह एनएच पर भी गंगा का पानी छूने को है। यही स्थिति रही तो एनएच पर वाहनों का आवागमन भी रोका जा सकता है। बाढ़ प्रभावित लोगों का सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन होना शुरू हो गया है। खासकर मवेशी के साथ आए पीड़ितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग टीला कोठी, टीएनबी कॉलेजिएट और हवाई अड्डा मैदान में शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ पीड़ितों का साफ तौर पर कहना है कि हम लोग अपने गांव को छोड़कर सुरक्षित रहने के लिए आशियाना बनाए हैं। वहां प्रशासन को हम लोगों का तनिक भी ख्याल नहीं है। ना तो मवेशी के लिए चारा ना ही हम लोगों के लिए खाने की व्यवस्था नाही सर छुपाने के लिए पन्नी की ही व्यवस्था की गई है। बाढ़ से पीड़ित ग्रामीण प्रशासनिक सहायता मिलने की आस में आंखें गड़ाए हुए हैं।
वहीँ नवगछिया अनुमंडल के इस्माईलपुर में रिंग बाँध पर गंगा का दबाव बढ़ गया है। जिसके बाद आज अचानक 20 मीटर के दायरे में मिट्टी धँस गई। पाँच घण्टे बाद बचाव कार्य शुरू हुआ है। हालांकि जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि इस्माईलपुर बिंद टोली बाँध में समस्या आती है। लेकिन उस हिसाब से हम लोग तैयार रहते हैं। काम करवाया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल की भी तैनाती की गई है। लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।
जबकि भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने भी कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन को मुस्तैद रहना पड़ेगा। कई क्षेत्रों में बाढ़ के पानी आने से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। बाढ़ से त्रस्त लोग कई जगह आशियाना बनाकर रह रहे हैं। वहां प्रशासन को खाना से लेकर पशु चारा तक एवं ठहरने की उत्तम व्यवस्था देनी होगी। इस पर जल्द से जल्द बात करूंगा।
भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट