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जननायक कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर चलकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के हितों के लिए दृढ़ संकल्पित है मोदी सरकार : अरविन्द सिंह

जननायक कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर चलकर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के हितों के लिए दृढ़ संकल्पित है मोदी सरकार : अरविन्द सिंह

PATNA : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है की बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की सिद्धांतों पर चलते हुए समाज के अंतिम पायदान पर खड़े पिछड़े, अतिपिछड़े एवं दलित समाज के व्यक्ति के हितों और उनके उन्नति के लिए  मोदी सरकार दृढ़ संकल्पित है। मोदी सरकार ने अपने विकास कार्यों से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को विकास के मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है। कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौंझिया, जिसे अब कर्पूरीग्राम कहा जाता है, में 24 जनवरी 1924 को नाई जाति में हुआ था। और मृत्यु 17 फ़रवरी 1988 को 64 वर्ष के आयु में हुआ। जननायक जी के पिताजी का नाम गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमांत किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा नाई का काम करते थे। कर्पूरी ठाकुर 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव में जीते। जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर- कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। 1971 में मुख्यमंत्री बनने पर ठाकुर ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए गैर- लाभकारी जमीन पर मालगुजारी टैक्स को खत्म कर दिया था।

उन्होंने कहा की 24 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में कर्पूरी जयंती मनाने का काम कर रही है। कांग्रेस-राजद ने कभी पिछड़ों का सम्मान नहीं किया। 2001 में राबड़ी देवी की सरकार ने पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना पंचायत चुनाव करा लिये थे। कांग्रेस का पिछड़ा-विरोधी इतिहास 60 साल पुराना रहा है। जब कांग्रेस केंद्र और राज्यों की सत्ता में होती थी, तब इसने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाला, मंडल आयोग की रिपोर्ट दबायी और आरक्षण का विरोध किया। आज लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अपने राजनीतिक स्वार्थ में अंधे होकर पिछड़ा विरोधी कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं।

अरविन्द ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के सरकार ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर सामाजिक न्याय को सशक्त करने का काम किया। श्रमिक समाज को सशक्त, सबल और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पीएम विश्वकर्म योजना की शुरुआत की है जिससे देश के करोड़ों कुशल कामगार इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनेंगे। मोदी सरकार में  51 करोड़ लोगों के बैंक खाता खोलें गए हैं, 4 करोड़ गरीबों को उनका पक्का घर मिला, 11 करोड़ घरों में पानी पहुंचाने का काम किया गया, 10 करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के जरिए मुफ्त गैस सिलेंडर दिया गया, 11 करोड़ से अधिक शौचालय का निर्माण हुआ है। 

अरविन्द ने कहा कि मोदी सरकार में आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से बिचौलियों पर अंकुश लगाते हुए सरकार के योजनाओं का रुपया सीधे गरीब के खातों में पहुंचाना हो या 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से सीधा किसानों के बैंक खाते में सलाना 6000 रुपए देने का काम मोदी सरकार कर रही है। वहीं जन औषधि केन्द्र के माध्यम  से गरीबों को सस्ती दवाएँ उपलब्ध करा रही है मोदी सरकार। भाजपा जनसंघ काल से आरक्षण की पक्षधर रही है और समाज के कमजोर तबको को आरक्षण देने का काम किया है। फिर चाहे कर्पूरी जी की सरकार में पंचायत एवं नगर निकाय में आरक्षण के सीमा को 37 फ़ीसदी करने की बात हो, या फिर मण्डल आयोग को अपना सर्मथन देना हो, भाजपा इससे कभी पीछे नहीं हटी है। लेकिन आरक्षण का राग अलापने वाले लालू जी ने अपने पूरे शासन काल में समाज के किसी भी वर्ग को आरक्षण देने का काम नहीं किया। आज सत्ता के लोभ में जो लालू और नीतीश जी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे हुए हैं वह कांग्रेस भी कभी आरक्षण की हितैसी नहीं रही है।

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