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बिहार पुलिस के इतिहास में पहली बार : अब जिलों में होगी क्राइम ऑडिट

बिहार पुलिस के इतिहास में पहली बार : अब जिलों में होगी क्राइम ऑडिट

PATNA : बिहार में अपराध का तेजी से बढ़ता ग्राफ पुलिस के लिए सरदर्द बन गया है. राज्य की सरकार भी इसके रोकथाम के लिए कई बार प्रयास कर चुकी है. अठारह दिनों के अंतराल पर मुख्यमंत्री दो बार सूबे में कानून व्यवस्था की समीक्षा कर चुके हैं. इसके बावजूद अपराध में कमी नहीं आ रही है. अब इसके लिए पुलिस की ओर से नयी कवायद शुरू की जा रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से अब पुलिस महानिदेशक गतिशील दस्ता का गठन किया जायेगा. यह बिहार पुलिस के इतिहास में पहली बार हो रहा है. इस दल का नेतृत्व एडीजी या आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे. वही इस दल में आईजी, डीआईजी, एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे. दल में इनकी संख्या 5 से लेकर 15 तक हो सकती है. इस दल में सीआईडी के पदाधिकारी भी शामिल होंगे.   

दस्ता का काम

बिहार के जिन जिलों में अपराध अधिक होगा. पुलिस महानिदेशक गतिशील दस्ता उस जिले का दौरा करेगा. चार दिनों तक यह उसी जिले में कैम्प करेगा. कैम्प करने के दौरान दल अनुमंडलों और पुलिस अंचलों में क्राइम ऑडिट करेगा. यह दल अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाएगा. थानों के अभिलेखों का अवलोकन और समीक्षा भी करेगा. ये विधिसम्मत कार्रवाई के लिए भी अधिकृत होंगे. ये दल अपराध नियंत्रण में लापरवाही बरतनेवाले पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई के लिए भी अधिकृत होगा. जिलों के दौरे के दौरान यह दल जनता दरबार में डीजी टीम का भी आयोजन करेगा. जिसमें क्षेत्र के लोगों की समस्या भी सुनी जाएगी. इस मौके पर टीम की ओर से त्वरित कार्रवाई भी की जाएगी. यह दस्ता अधिक से अधिक चौकीदारों से भी संपर्क करेगा और अपराध नियंत्रण और शराबबंदी में उनकी भूमिका से उन्हें अवगत कराएगा. 

कहाँ काम करेगा दस्ता

पुलिस महानिदेशक गतिशील दस्ता जिला मुख्यालय में काम न करके अनुमंडलों और पुलिस अंचलों में काम करेगा. दौरे के अंतिम दिन जिला मुख्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से मिलेंगे. 

पटना से कुंदन की रिपोर्ट  


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