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हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है....शहीद की पत्नी के विलाप से इलाके में पसरा सन्नाटा, एक ही चाहत -अंतिम दर्शन करा दो मेरे पति का.....

हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है....शहीद की पत्नी के विलाप से इलाके में पसरा सन्नाटा, एक ही चाहत -अंतिम दर्शन करा दो मेरे पति का.....

नवादा हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पर रोती है,बड़ी मुश्कील से होता है चमन में दीदावर पैता... जी हां चंदन जैसे जवानों के शहादत के कारण हीं हम चैन से घर में जी पाते हैं वहीं  3 दिन के बाद भी  शहीद जवान की पत्नी शिल्पी कुमारी फफकते हुए  कर रो रहीं थीं. उनके विलाप को सुनकर इलाके के लोगों के आंखों से आंसू की अविरल धारा बहने लगी. उनके क्रंदन को सुनकर लोग अपने आंसू निकलने को रोक नहीं पा रहे थे.  शहीद की पत्नी ने कहा कि  सरकार से मेरी कोई मांग नहीं है, इतनी चाहत है कि अपने पति का अंतिम दर्शन कर सकें. सुबह से ही आसपास के गांवों के साथ ही दूर-दराज से लोग गांव पहुंच रहे हैं. सुबह से रात तक लोग आ जा रहे हैं और शहीद चंदन के बारे में हीं बात कर रहें हैं. इसके बावजूद पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है.परिजनों का विलाप हीं इस सन्नाटे को चीर रहा है. 

बस मुझे चंदन चाहिए, चाहे वह जिस हालत में हो..... यह कहना के पूंछ के आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के जवान चंदन की पत्नी का. चंदन की मौत की खबर मिलने के बाद से ही उनके पैतृक गांव नवादा में मातम पसरा हुआ है. चंदन के माता-पिता और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. मां-बाप अपने बेटे को आखिरी बार देखने के लिए मिन्नतें कर रहे तो पत्नी अपने शहीद पति के अंतिम दर्शन के लिए तड़प रही है. शहीद चंदन की पत्नी का कहना है कि, उसे सिर्फ चंदन चाहिए,चाहे वो जिस भी हाल में हो. चंदन की पत्नी की ये बेबसी देख पूरे गांव की आंखें नम है.

ग्रामीण गमजदा हैं.पूरे परिवार के साथ ग्रामीण भी अपने दर्द को नहीं छिपा पा रहे हैं. लोगों की जुबान पर सिर्फ चंदन की बहादुरी और स्वाभाव के किस्से हैं तो पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन की चाहत है.गांव पहुंच रहे लोग सीधे शहीद जवान के घर जा रहे हैं. परिवार से मिलकर उन्हें ढांढ़स बंधा रहे हैं. चंदन को देश का लाल बताते हुए परिवार को चुप करा रहे हैं. 

बाहर से पहुंच रहे लोग आतंकियों के कायराना हमले की निंदा कर रहे हैं. नारोमुरार गांव पहुंच रहे लोग शहीद चंदन के पार्थिव शरीर के आने के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते दिख रहे हैं.

आर्मी जवान चंदन की शहादत की खबर पाकर गया से एनसीसी कैडेट्स भी नारोमुरार पहुंचे. 51 की संख्या में रहे कैडेट्स ने गांव पहुंच कर घटना पर दुख जताया. एनसीसी के 27 बिहार बटालियन, गया के सीनियर अंडर अफसर अमन आनंद के नेतृत्व में छात्र नारोमुरार पहुंचे थे. अमन ने बताया कि शहीद चंदन रिश्ते में उनके चाचा लगते हैं.

बहरहाल मैं जला हुआ राख नहीं, अमर दीप हूँ, जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ... देश के शहीदो को नमन....


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