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दुष्कर्म के मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कोर्ट में हाजिर नहीं हुए , अब भगोड़ा घोषित

दुष्कर्म के मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कोर्ट में हाजिर नहीं हुए , अब भगोड़ा घोषित

DESK : पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को फरार घोषित कर दिया गया है. गैर जमानती वॉरेंट यानी NBW जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने धारा 82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया. एमपी-एमएलए कोर्ट में चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहा है केसअब चिन्मयानंद की फरारी का नोटिस आश्रम में लगाया जाएगा. इसके बाद भी चिन्मयानंद के कोर्ट में पेश नहीं होने पर धारा 83 के तहत उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है. अब मुकदमे की अगली तारीख 16 जनवरी तय की गई है। जिसमें पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को हाजिर होना होगा।

इससे पहले अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नीलिमा सक्सेना ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चिन्मयानंद को 30 नवंबर तक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-तृतीय/एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए आदेशित किया गया था। इसके बावजूद चिन्मयानंद कोर्ट में नहीं हाजिर हुए। गुरुवार को चिन्मयानंद की ओर से उनके अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर हुए। 

बीमारी का दिया तर्क

अधिवक्ता के द्वारा चिन्मयानंद ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया कि वह एक ‘कमजोर और बुजुर्ग है, गंभीर बीमारियों के कारण कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं हो पा रहे हैं’। उन्होंने हाईकोर्ट, इलाहाबाद में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया है, जिसकी सुनवाई 19 दिसंबर को होनी है। चिन्मयानंद ने एनबीडब्ल्यू की प्रक्रिया में रियायत देते हुए उपस्थिति के लिए समय प्रदान करने का अनुरोध किया। 

लगातार चल रहे हैं फरार

विशेष लोक अभियोजक नीलिमा सक्सेना की ओर से इस पर मौखिक आपत्ति दर्ज की गई। अभियुक्त द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। चिन्मयानंद के खिलाफ पहले से ही गैर जमानती वारंट जारी है। पत्रावली पर किसी भी सक्षम न्यायालय का स्थगन आदेश मौजूद नहीं है। पत्रावली में रिपोर्ट लगी है कि चिन्मयानंद लगातार फरार चल रहे हैं। जीडी में दर्ज है कि आरोपी की तलाश में दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिले। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि चिन्मयानंद हरिद्वार गए हुए हैं। अभी तक वापस नहीं आए हैं।

रेप केस में हैं आरोपी

चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने 2011 में चौक कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। 2018 में भाजपा सरकार ने मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन पीड़िता के एतराज पर अदालत ने प्रक्रिया खारिज कर दी थी। चिन्मयानंद के हाजिर न होने के कारण अदालत ने उनके खिलाफ पहले जमानती फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। चिन्मयानंद सुप्रीम कोर्ट गए लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। वहीं पुलिस अब तक चिन्मयानंद को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।


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