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बिहार में एनडीए की सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय! जानें कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा और उनकी सहयोगी पार्टियां

बिहार में एनडीए की सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय! जानें कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा और उनकी सहयोगी पार्टियां

PATNA : लोकसभा चुनाव के सीटों के बंटवारे को लेकर सभी राजनीतिक दल एक्टिव मोड में आ गई है। जहां इंडी गठबंधन में कांग्रेस अपने सहयोगी पार्टियों संग सीट शेयरिंग को लेकर बैठकें कर रही है। वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ा दिए है। जिसमें बिहार प्रमुख है, जहां सीटों के बंटवारे को लेकर लंबे समय से खींचतानी चल रही है। वहीं अब बताया जा रहा है कि बिहार में भाजपा ने अपने सहयोगी पार्टियों संग सीटों के बंटवारे का फार्मूला तैयार कर लिया है। 

बताया जा रहा है कि बिहार की 40 सीटों में भाजपा 27 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकि सीटों पर उनकी सहयोगी पार्टी रालोजपा, लोजपारा, आरएलजेडी और हम के बीच बांटे जाएंगे। 

बताया जा रहा है कि बिहार में लंबे समय से एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी दे रहे चिराग पासवान और पशुपति पारस के हिस्से में चार-चार सीटें जा सकती है। हालांकि दोनों पार्टियों ने छह-छह सीटों पर दावेदारी की है। अगर चिराग पासवान और पशुपति पारस नहीं मानते हैं, तो उन्हें 5 सीटें भी दी जा सकती हैं। 

इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलजेडी को बीजेपी अधिकतम दो लोकसभा सीटें ही देगी। इसमें कुशवाहा की परंपरागत सीट काराकाट भी शामिल है। हालांकि, आरएलजेडी ने सीतामढ़ी, झंझारपुर, सीवान, वाल्मीकि नगर, सुपौल, जहानाबाद और मुंगेर में भी चुनाव की तैयारी करी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामपुकार सिंह का कहना है कि 2014 की तरह आगामी लोकसभा चुनाव में भी उन्हें कम से कम 3 सीटें जरूर मिलनी चाहिए।

गया से हम को टिकट

वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम के हिस्से में एक सीट जा सकती है। बताया जा रहा है कि खुद मांझी की पार्टी ने गया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। ऐसे में गया लोकसभा सीट उनके हिस्से में जा सकती है। वहीं लंबे समय से राजनीति में हाशिए पर चल रहे वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के लिए भाजपा ने अपने दरवाजे खोल रखे हैं। हालांकि अंतिम फैसला मुकेश सहनी पर छोड़ दिया गया है

उनकी पार्टी वीआईपी अभी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं है। लंबे समय से सहनी के एनडीए में वापसी की अटकलें लगाई जा रही है। अगर बीजेपी से उनकी बात बन जाती है, तो पार्टी मुकेश सहनी को भी एक लोकसभा सीट लड़ने के लिए देगी। 


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