SHEIKHPURA :- जिले के बरबीघा नगर क्षेत्र अंतर्गत प्लस उच्च विद्यालय बरबीघा में बुधवार को बिहार बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष के सामने ही चार बाल मजदूरों को विमुक्त कराया गया.सभी बाल मजदूर केपीएस एट भट्ठा पर से विद्यालय के चार दिवारी निर्माण के लिए मंगाए गए ईट को उतारने के लिए पहुंचे थे.
दरअसल, बिहार बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु बुधवार को विद्यालय में आयोजित बाल श्रम उन्मूलन के लिए आयोजित एकदिवसीय परिचर्चा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। मौके पर उपस्थित कई इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उसी समय एक ट्रैक्टर पर केपीएस चिमनी का ईंट लदा हुआ गाड़ी विद्यालय में घुसा जिस पर चार बाल मजदूर सवार थे.
बाल मजदूरों पर नजर पड़ते ही डॉ चक्रपाणि हिमांशु आग बबूला हो उठे.मौके पर मौजूद श्रम अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाते हुए तुरंत सभी बाल मजदूरों को विमुक्त कराते हुए उसे बाल कल्याण समिति केंद्र भेज दिया गया.उन्होंने संबंधित चिमनी मलिक पर तत्काल एफआईआर करने का भी निर्देश दिया है.
इस अवसर पर डॉक्टर चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि बाल मजदूरी करवाने वाले कितने ही बड़े रसूखदार क्यों ना हो किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.उन्होंने कहा कि चिमनी मलिक ने उनके कार्यक्रम के दौरान इस तरह का दृश्य पेश कर उनके गाल पर करारा तमाचा मारने का काम किया है.इसके लिए चिमनी मलिक के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई हर हाल में की जाएगी.
बिहार सरकार के मंत्री के करीबी हैं चिमनी मालिक
दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिमनी मलिक बिहार सरकार के एक मंत्री के करीबी माने जाते हैं.ऐसे में मामला रफा दफा होने की भी चर्चा खूब हो रही है. हालांकि इस संबंध में श्रम अधीक्षक ऋतुराज कुमार ने बताया कि बिहार बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर चक्रपाणि हिमांशु के निर्देश पर जिला बाल श्रम आयोग कानूनी कार्रवाई में जुट गया. चिमनी मलिक के बारे में पता लगाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी.वहीं बरामद बच्चों के माता-पिता के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.