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गाँधीवादी धरना देकर जताया विरोध, जिला परिषद सदस्य ने बिहार सरकार- प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

गाँधीवादी धरना देकर जताया विरोध, जिला परिषद सदस्य ने बिहार सरकार- प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

लखीसराय. अपने क्षेत्र में विकास कार्यों में बिहार सरकार की नीतियों को बाधक और जिला प्रशासन पर अहंकारी रवैया अपनाने का आरोप लगा लखीसराय में गाँधीवादी विरोध प्रदर्शन किया गया. जिला परिषद लखीसराय सदस्य विनीता देवी ने शनिवार को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के अवरुद्ध होने से दुखी होकर एक दिवसीय उपवास कर धरना दिया. उन्होंने कहा कि लखीसराय जिला परिषद के वर्तमान कार्यकाल का 30 दिस्मबर को दो वर्ष पूरा होने जा रहा है। आज ही के दिन दो साल पहले जिला परिषद सभागार में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सपनों का गाँव बनाने की दिली तमन्ना थी. 

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के महिला सशक्रिकरण के तहत पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण देकर महिलाओं के संकल्प को काफी कुछ मजबुत किया गया। परंतु इन दो वर्षों में लखीसराय जिला परिषद एक भी नया काम नहीं कर सकी, जो दुभाग्यपूर्ण है। यह दो वर्ष आज तक के जिला परिषद के सभी कार्यकाल का काला अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। बिहार सरकार की नीतियाँ और जिला प्रशासन की गंदी और अहंकारी सोच ने लखीसराय जिला परिषद के विकास का जनाजा निकाल दिया है।

विनीता देवी ने कहा, मेरे निर्वाचन क्षेत्र में प्रखंड मुख्यालम में अवस्थित डाक बंगला का जीर्णोधार प्रस्तावित है. ग्राम गंगासाराय में स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन निर्माण के लिए लगभग 16 माह से साढ़े पचपन लाख रुपए की राशि पड़ी है। पन्द्रहवाँ वित्त आयोग एवं षष्ठम राज्य वित्त आयोग को मिलाकर मेरे क्षेत्र में लगभग 3 करोड़ की राशि से कई प्रस्तावित योजना जिला परिषद कार्यालय में फाइल की शोभा बढ़ा रही है। ऐसी परिस्थिति में जब मेरे क्षेत्र में कोई भी काम नहीं हो रहा है। तब मैंने सोचा कि सब जगह (हर स्तर पर) लिखा-पढ़ी के बाद कोई सुनवाई नहीं ही हुई। 

उन्होंने कहा कि इसलिए अब पूज्य बापू के मुख्य हथियार उपवास का सहारा लिया गया है. प्रतीकात्मक विरोध और अपनी जनता के अरमानों के अनुरुप खड़ा नहीं हो पाने के चलते पश्चाताप करना ही ज्यादा बेहतर है। इसलिए एक दिवसीय उपवास कर क्षेत्र विकास की मांग के लिए विरोध जताया गया है. इस संघर्ष को आगे भी बढ़ाया जाएगा। 

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