गया डीएम ने आरसीडी और नगर परिषद् बोधगया के अभियंताओं के साथ की बैठक, इलाके में खराब सड़कों को दुरुस्त करने का दिया निर्देश

GAYA : जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा आज समाहरणालय सभा कक्ष में बोधगया नगर परिषद एवं बोधगया शहरी क्षेत्र के विभिन्न खराब सड़कों को मरम्मत एवं निर्माण के संबंध में आरसीडी विभाग के अभियंता एवं नगर परिषद बोधगया के अभियंता के साथ बैठक कर अगले 10 दिनों के अंदर बोधगया क्षेत्र के खराब सड़कों को मरम्मत करवाने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दिसंबर माह एवं जनवरी माह में कई अति विशिष्ट व्यक्तियों का परिभ्रमण लगातार बोधगया में होगा। इसके साथ ही बोधगया के आम नागरिकों को भी सड़क निर्माण से काफी सहूलियत होगा।
कार्यपालक अभियंता आईसीडी एव नगर परिषद बोधगया को निर्देश दिया गया कि बोधगया एप्रोच रोड, कालचक्र मैदान के चारों ओर सड़क, सुजाता लिंक रोड, मतंगवापि लिंक रोड, दो मोहन चेरकी रोड, सोहेलपुर से डुगेश्वरी रोड, बोधगया मोहनपुर रोड, बोधगया धर्मारण्य एवं बकरौर रोड, कालचक्र मैदान से सुजाता बाईपास वाली सड़क, सक्सेना मोड़ से शाक्य मुनि कॉलेज होते हुए क्टोरवा रमान्य भूमि जाने वाली सड़क, तिब्बत धर्मशाला से होटल ओम इंटरनेशनल से होते हुए सब्जी मार्केट तक की सड़क तेजी से मरम्मत करवाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा नोड 01 बस स्टैंड से विभिन्न लिंक रोड, 80 फीट टेम्पल जाने वाली सड़क, कटोरवा से हयात होटल रोड, बैंक ऑफ़ इंडिया जाने वाली सड़क, सूरजपुरा से निरंजन रोड एव महारानी रोड को आरसीडी एव नगर परिषद बोधगया आपस में समन्वयन कर तेजी से सड़क निर्माण करवाये।
वहीँ जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा आज समाहरणालय सभा कक्ष में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं सभी प्रखंडों के प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के साथ बैठक कर निर्देश दिया की जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने एवं निर्गत करने में पूरी पारदर्शिता बरते एवं लंबित आवेदनों को तुरंत डिस्पोज करें। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में आम जनों को कोई कठिनाई नहीं हो, इसे सुनिश्चित करावे। जो भी व्यक्ति आवेदन देते हैं उन्हें बिना कारण के नहीं दौड़ाएं। पूरी सही तरीके से काम करें। आवेदक को जनरेट एवं निष्पादन में कोई कोताही ही नहीं बरते। व्यक्तिगत रुचि लेकर के लोगों की मदद करें। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में तीन प्रकार का कैटेगरी बनाया गया है, 21 दिन अंदर, 30 दिन के बाद एव 1 साल से ज्यादा पुराना मामला को बनाने का शामिल है। 21 दिन के अंदर वाले मामलों में संबंधित क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविका या मुखिया के माध्यम से सत्यापन होते ही उनका जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है। 30 दिनों के बाद वाले मामलों में संबंधित वार्ड सदस्य या आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से जांच करा कर आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन दी जाती है इसके साथ ही रजिस्टर संधारित की जाती है। इसके अलावा 1 साल से ऊपर वाले मामलों में प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने हेतु प्राप्त आवेदन के आलोक में जांच करना होता है उसके पश्चात 6 दिनों के अंदर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करना होता है। साथ ही पूरी गुणवत्तापूर्ण रजिस्टर संधारित करना होता है।
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि ये सभी 3 प्रकार के बनाए गए कैटेगरी में अधिकतम 6 कार्य दिवस के अंदर ही आवेदक को जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना होता है। जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया कि अपने प्रखंड में लंबित आवेदनों को तुरंत निष्पादित करें। अपनी लिपिक एवं ऑपरेटर को निर्देशित करें कि उनका कर्तव्य है लोगों की मदद करें। किसी भी स्तर पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की आवेदन को पेंडिंग नहीं रखें। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत एवं आवेदन प्राप्त करने के अलग-अलग काउंटर लगाए एव वहां नियमित रूप से उपस्थित रहकर आवेदनों को निष्पादित करे।
गया से मनोज की रिपोर्ट