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पटना एयरपोर्ट पर विमानों का सुरक्षित परिचालन भगवान भरोसे ! हर साल बर्ड हिट का शिकार बनते हैं विमान फिर भी नहीं बदल रहा रवैया

पटना एयरपोर्ट पर विमानों का सुरक्षित परिचालन भगवान भरोसे ! हर साल बर्ड हिट का शिकार बनते हैं विमान फिर भी नहीं बदल रहा रवैया

पटना : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों के परिचालन में पायलटों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसका मुख्य कारण हवाई अड्डे पर पक्षियों का विमानों से टकराने का खतरा, छोटा रनवे और पटना चिड़ियाघर के लंबे पेड़ हैं. पटना एयरपोर्ट के आसपास खुले बूचड़खाने, मीट की दुकानें और आसपास के कचरे के ढेर को वन्य जीवन (पक्षी और पशु) की घटनाओं का प्रमुख कारण माना जाता है जो विमानों के उड़ान भरने में सबसे बड़ी परेशानी बनते हैं. 

आंकड़ों पर गौर करें तो पटना एयरपोर्ट पर विमानों से पक्षियों के टकराने के मामले वर्ष 2019-2020 में छह बार,   2018-19 में 14 बार और 2017-18 में छह बार देखने को मिले. पिछले रविवार को भी पटना से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले एक विमान में आग लगने की घटना हुई थी. इसका कारण भी बर्ड हिट यानी विमान से पक्षी का टकराना माना जा रहा है. 

विमानों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए अब पटना जिला प्रशासन ने भी कई प्रकार के सुधारात्मक उपाय शुरू किए हैं. इसमें मुख्य रूप से पक्षियों का विमानों से टकराना रोकना मुख्य है. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पटना एयरपोर्ट पर पक्षियों को वहां से खदेड़ने के लिए कोई उपाय किया गया हो. इसके पहले भी पटना एयरपोर्ट ने पक्षियों को डराने वाली एक मशीन खरीदी थी लेकिन उसे कभी भी रनवे के नजदीक नहीं लगाया गया. मौजूदा दौर में रनवे से पक्षियों को हटाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पटना ने एक निजी एजेंसी से करार कर रखा है जो मैन्युली तौर पर पटाखा फोड़कर रनवे से पक्षियों को हटाता है. 


एएआई के अधिकारियों के अनुसार मौजूदा समय में दो पालियों में 5-5 लोगों की टीम सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 1 बजे से देर शाम तक पक्षियों को भगाने के लिए काम करती है. विमानों के आने और जाने के पहले तथा बाद में यह टीम रनवे की जांच करती है. अगर उन्हें रनवे के किनारे या आसपास पक्षी या उनके झुंड दिखते हैं तो उससे वे पटाखा छोड़कर दूर भगाते है. इसके आलावा एयरपोर्ट प्रशासन के पास तीन एलपीजी संचालित बंदूकें हैं जिसे रनवे के नजदीक पक्षियों को भगाने के लिए लगाया गया है. हालांकि ये एलपीजी संचालित बंदूकें भी निष्क्रिय हैं. इसके आलावा एएआई-पटना द्वारा एक स्वचालित पक्षी डराने वाली मशीन खरीदी गई थी, लेकिन इसका कभी भी उपयोग नहीं किया गया.

वहीं हवाई अड्डा प्रशासन का कहना है कि रनवे को साफ रखने और पक्षियों से मुक्त रखने को लेकर उनकी ओर से कई प्रकार के एहतियात बरते जाते हैं. लेकिन, एयरपोर्ट के आसपास मौजूद बूचडखाने, मांस की दुकानें और कचरे के ढेर को हटाने को लेकर पटना जिला प्रशासन क्या उपाय कर रहा है उससे वे अनभिज्ञ हैं. हालांकि पटना के संभागीय कमिशनर कुमार रवि ने कहा कि एयरपोर्ट के आसपास से पक्षियों को भगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई कदम उठाये गए हैं. वहीं स्पाइस जेट विमान हादसे की रिपोर्ट का अभी जिला प्रशासन को इंतजार है. उस रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में बर्ड हिट जैसे मामले न हों. 


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