तेजस्वी कैसे बनेंगे CM...गुलाब यादव जैसे 'पिटे' कैंडिडेट से कैसे होगी नैया पार? लोस चुनाव में अपनी विस सीट पर भी हुई थी करारी हार

PATNA: बिहार में विधान सभा चुनाव का बिगूल बज गया है। चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद संभावित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इस बार भी एनडीए बनाम सीमित होते महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई होने वाली है। एनडीए जहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतर गई है वहीं महागठबंधन में तेजस्वी यादव चेहरा हैं,हालांकि उनके चेहरे पर अब तक सहयोगी दलों की स्वीकार्यता नहीं बनी है। तेजस्वी यादव की पार्टी राजद को 2015 के विधान सभा चुनाव में 80 विधायक जीत कर आये। इस बार भी तेजस्वी यादव इन्हीं पिटे हुए विधायकों के बूते मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।हम ऐसा इसलिए कह रहे क्यों कि 2019 का चुनाव याद करिए जब 2015 में जीते विधायक अपने क्षेत्र में ऐसे पिटे कि मैदान में उतरने से पहले याद कर हीं कांप जा रहे।

2015 के चुनाव में 834 मतों से जीते थे गुलाब यादव

हम आज बात कर रहे मधुबनी के झंझारपुर विस सीट की।इस सीट पर 2015 में लालू प्रसाद के खास गुलाब यादव बहुत ही कम मार्जिन से चुनाव जीत गये।गुलाब यादव ने बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा को 834 मतों से परास्त किया था।गुलाब यादव को 64320 और नीतीश मिश्रा को 63486 मत आये थे।हालांकि तब महागठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी साथ थी।

2019 लोस चुनाव में अपने क्षेत्र में ही 60 हजार वोट से हुई थी करारी हार

अब जरा 2019 लोकसभा चुनाव को याद करिये। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां झंझारपुर सीट से जेडीयू उम्मीदवार की जीत हुई वहीं राजद कैंडिडेट गुलाब यादव जो झंझारपुर विधान सभा क्षे्त्र के पार्टी के विधायक थे उनकी करारी हार हुई थी। राजद कैंडिडेट तो अपने क्षेत्र झंझारपुर में ही जबरदस्त रुप से पिटे थे। गुलाब यादव को अपने क्षेत्र में ही 60,906 हजार मतों से हार हुई थी। इसके अलावे बाबूबरही विस से गुलाब यादव 61199 वोट से हारे थे।इतना ही नहीं वे झंझारपुर लोकसभा की सभी 6 सीटों पर जबरदस्त रूप से पिटे थे। हार मिलने के बाद कुछ दिन तो आउट रहे।इस दौरान उन पर कई तरह के आरोप भी लगे।अब एक बार फिर से वे चुनावी तैयारी कर रहे हैं।

क्या ऐसे पिटे विधायक से तेजस्वी यादव की नैया लगेगी पार? 

अब बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है कि क्या ऐसे पिटे विधायक 2020 के महासमर को जीतने में कामयाब होंगे? 2019 के लोस चुनाव में जो उम्मीदवार अपने विधान सभा क्षेत्र में 60 हजार से अधिक मतों से हारा हो क्या वह तेजस्वी यादव की नैया पार लगाने में कामयाब होगा ? हालांकि गुलाब यादव अपने आप को लालू यादव का करीबी बता अपना टिकट तो पक्का बता ही रहे हैं वहीं दूसरे के टिकट के लिए भी जर्बदस्त पैरवी कर रहे।