PATNA : महावीर मन्दिर में शनिवार को हनुमान जयंती का आयोजन पूरे विधि-विधान से किया गया। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जयंती के अवसर पर महावीर मन्दिर में सुबह साढ़े दस बजे पूजन शुरू हुआ। मन्दिर परिसर में स्थित मुख्य ध्वज स्थल पर ध्वज पूजा हुई। महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल यजमान की भूमिका में थे।
वहीँ महावीर मन्दिर की पत्रिका धर्मायण के संपादक पंडित भवनाथ झा की देखरेख में मन्दिर के पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों से ध्वज पूजा करायी। इसके बाद मुख्य ध्वज और शनिदेव के निकट स्थित ध्वज बदले गये। पूजन स्थल पर हनुमान लला की आरती की गयी। हनुमान जयंती के अवसर पर दो विग्रहों वाले हनुमान जी को सवा मनी नैवेद्यम का भोग लगाया गया। इसके साथ ही हलवा का विशेष भोग भी लगाया गया।
आखिर में गर्भगृह के सम्मुख मध्याह्न 12 बजे अंजना नंदन हनुमानजी की जन्म आरती हुई। आरती के बाद मन्दिर प्रांगण में उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर महावीर मन्दिर में चल रहे रामचरितमानस के 9 दिवसीय नवाह पाठ का समापन भी शनिवार को हुआ। हनुमान जयंती की मुख्य पूजा के बाद महावीर मन्दिर में संध्या काल में हवन भी हुआ।
हनुमान जयंती के कार्यक्रम में मुख्य रूप से महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य आचार्य किशोर कुणाल के अलावा मन्दिर प्रबंधन से जुड़े प्रदीप जैन और बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि प्रख्यात संत रामानन्दाचार्य ने वैष्णव मताब्ज भास्कर में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को महावीर हनुमान जी के जन्म का उल्लेख किया है। महावीर मन्दिर समेत उत्तर भारत के अधिकांश स्थानों पर इसी मान्यता के अनुसार हनुमान जयंती मनायी जाती है।