बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार में हेल्थ सिस्टम की खुली पोल, इस सरकारी अस्पताल में मोबाइल और टॉर्च की रौशनी में हो रहा मरीजों का इलाज

बिहार में हेल्थ सिस्टम की खुली पोल, इस सरकारी अस्पताल में मोबाइल और टॉर्च की रौशनी में हो रहा मरीजों का इलाज

BETTIAH : केंद्रीय राज्य मंत्री, वाल्मिकीनगर सांसद और भाजपा विधायक के गृह क्षेत्र नरकटियागंज के अनुमंडलीय अस्पताल में मोबाइल व टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज हो रहा है। मोबाइल टॉर्च की रोशनी मे प्रसव भी कराया जा रहा है और अन्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 3 दिनों से अनुमंडल अस्पताल का जरनेटर खराब है। बिजली चले जाने के बाद अस्पताल मे अंधेरा कायम हो जाता है। जिसके बाद मोबाइल टॉर्च के रोशनी मे इलाज किया जाता है। अस्पताल प्रशासन द्वारा अस्पताल में लाइट के लिए कोई दुसरा व्यवस्था नहीं किया गया है। आप समझ सकते है कितनी बड़ी लापरवाही है।

दरअसल ये जानलेवा लापरवाही है। जहां अंधेरे में मोबाइल टॉर्च के सहारे इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में किस तरीके का इंतजाम है। ये तस्वीर में आप खुद देख सकते है। जहां बिजली नही रहने पर अंधेरे मे मोबाइल की रोशनी के सहारे इलाज चल रहा है प्रसव भी कराया जा रहा। जिसमे मरीजों की जान भी जा सकती है। कौन होगा इसका जिम्मेवार,स्वास्थ विभाग,जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधि जिनके गृह क्षेत्र नरकटियागंज मे मोबाइल टॉर्च की रोशनी मे  इलाज चल रहा है।

बता दें कि मंगलवार की रात बाइक एक्सीडेंट में घायल दो व्यक्तियों को पुलिस अनुमंडलीय अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल में अंधेरा था। मोबाइल की रोशनी में चिकित्सकों ने जख्मी व्यक्तियों का इलाज किया। जबकी जेनरेटर की व्यवस्था हर सरकारी अस्पताल में है। इसके लिये तेल ( डीजल ) की भी व्यवस्था स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जाता है। ताकी मरीजों के ईलाज मे कोई कोताही ना हो । मोबाइल की रोशनी मे मरीज को टाका भी लगाया गया। जिसके बाद दोनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए जीएमसीएच बेतिया रेफर कर दिया गया। 

इतना ही नही अनुमंडलीय अस्पताल मे मोबाइल टॉर्च की रोशनी मे दो-दो प्रसव भी कराया गया। इतनी भीषण गर्मी मे भर्ती मरीज और उनके परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिजली नही रहने पर घंटो देर तक अंधेरे मे रहने को मजबूर है। हाथ पंखा चलाने व मोबाइल टॉर्च के सहारे रहने को मरीज विवश है।

बेतिया से आशीष की रिपोर्ट

Editor's Picks