PATNA : हेल्दी माईंडस क्लीनिक, श्रीकृष्णापुरी, पटना द्वारा आई.एम.ए. बिहार राज्य शाखा एवं ए.पी.आई. पटना के सहयोग से न्यूरोमॉडूलेशन विषय पर आज एक सी.एम.ई. कार्यक्रम स्काडा सेंटर, पटना में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन आई.एम.ए. के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानन्द प्रसाद सिंह ने एवं अध्यक्षता प्रख्यात न्यूरो सर्जन डॉ. अरूण कुमार अग्रवाल एवं प्रख्यात फिजिशियन डॉ. विजय प्रकाश ने किया।
मुख्य वक्ता डॉ. सौरभ कुमार, एम.डी. (एम्स, नई दिल्ली) न्यूरो साईकेट्रीस्ट ने उपस्थित विद्वान चिकित्सकों को बताया कि गैर अक्रामक मस्तिष्क उत्तेजना (नन इनवेजिव ब्रेन स्टिमूलेशन) तकनीक मनोरोग विज्ञान में एक परिवर्त्तनकारी उपकरण के रूप में उभर कर आया है जो विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लिए नई गैर सर्जिकल उपचार विकल्प प्रदान करता है। ट्रान्स क्रेनियल मैगनेटिक स्टिमूलेशन (टी.एम.एस.) और ट्रान्स क्रेनियल डायरेक्ट करेंट स्टिमूलेशन (टी.डी.सी. एस.) जैसी विधियों ने मस्तिष्क गतिविधियों को संशोधित करने एवं न्योरोप्लास्टिसिटी को बढ़ावा देने के कारण काफी ध्यान आकर्षित किया है।
कहा की यह ये तकनीके मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के रोग जनन में शामिल मस्तिष्क के तंत्रिका नेटवर्क और उपतंत्रों की हमारी बढ़ती समझ का लाभ उठाती हैं। न्यूरो इमॅजिग में हालिया प्रगति ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इसमें रिपीटेटिव ट्रान्स क्रेनियल मैगनेटिक स्टिमूलेशन जैसी हस्तक्षेपों के लिए रास्ता बनाया है जिसमें विशेष रूप से अवसाद (डिप्रेशन) के उपचार में महत्वपूर्ण आशा दिखलाई है। अन्य मनोरोग स्थितियों के प्रबंधन में भी आर.टी.एम.एस. के प्रभावशिलता को बढ़ती मान्यता मिल रही है। इस प्रकार गैर आक्रमक मस्तिष्क उत्तेजना मनोरोग देखभाल में एक आशा की किरण की तरह है जो मरीजों के उपचार के लिए नये रास्ते खोलता है।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पटना जनरल ऑफ मेडिसिन के संपादक एवं आई.एम.ए. के पूर्व बिहार अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने बताया कि डॉ. सौरभ कुमार ने एम्स नई दिल्ली में इस विषय पर शोध में जो महत्वपूर्ण योगदान किया है उसका प्रकाशन पबमेड में सूचिबद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में हुआ है। डॉ. सौरभ कुमार हेल्दी माईडस क्लीनिक, पटना में एक समर्पित टी.एम.एस. लैब संचालित करते है जो इस क्षेत्र में अनुसंधान को समर्पित एवं पूरी तरह से गैर व्यसायिक है।