बेतिया के हरनाटांड अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था की सुनवाई, याचिकाकर्ता ने कहा - सरकार ने नहीं दिया ध्यान

बेतिया के हरनाटांड अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पश्चिम चम्पारण ज़िला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई  करते हुए राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड ही एकमात्र स्कूल है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि  पहले यहाँ पर कक्षा एक से ले कर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी।

लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि  कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।

Nsmch
NIHER

साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया। यहाँ पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था,जिसे बंद कर दिया गया।इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस मामलें की सुनवाई 26 अप्रैल,2024 को की जाएगी।