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हाय रे राजनीति ! रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले का हुआ प्रमोशन, राम का गुणगान करने वालों पर कार्रवाई

हाय रे राजनीति ! रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले का हुआ प्रमोशन, राम का गुणगान करने वालों पर कार्रवाई

DESK. जिसने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की राजनीतिक दल उसे अब पार्टी में कद बढ़ा दे रहे हैं और जो राम का गुणगान कर रहा है उसके पर कतर दिए गए. रामचरितमानस के विवाद और राम का गुणगान करने का यह मामला राम की जन्मस्थली वाले प्रदेश में ही हुआ है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने संगठन में कुछ ऐसे फेरबदल किए हैं जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह बात कही जा रही है कि अखिलेश यादव ने यह क्या किया. दरअसल, अखिलेश यादव ने रामचरितमानस की चौपाइयों के खिलाफ विवादित बातें कहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी ने तत्काल पदोन्नति देकर राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है. 

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने अपने ही दल की उन दो महिला नेताओं पर कार्रवाई की है जिन्होंने मौर्य के रामचरितमानस के विवादित बयान पर आपत्ति जताई थी. समाजवादी पार्टी ने ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. दोनों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों का विरोध करते हुए प्रभु राम का गुणगान किया था. अब इन दोनों के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई कर दी. इससे सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के खिलाफ लोग निशाना साध रहे हैं. 

समजवादी पार्टी से निकले जाने के बाद रोली तिवारी मिश्रा ने कहा कि मैं हमेशा अखिलेश यादव का हौसला बनकर खड़ी रही। मुलायम सिंह यादव मेरे पिता की तरह थे। उनका कहना है कि मैंने श्रीराम का नाम लिया तो पार्टी से मुझे निकाल दिया गया। रोली तिवारी मिश्रा ने कहा कि भगवान श्रीराम इस देश की आत्मा हैं। यह आस्थाओं का देश है इसलिए हमारी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही बात मैं पार्टी के पटल पर लगातार रख रही थी लेकिन इसकी प्रतिक्रिया यह हुई कि उन्होंने श्रीरामचरितमानस को जलाया। उन्होंने बताया कि इसके बाद मैं मुखर होकर स्वामी प्रसाद मौर्य का सोशल मीडिया पर विरोध करने लगी तो पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया।

वहीं, ऋचा सिंह का भी कहना है कि मैंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की। उन्होंने कहा कि हमने श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले नेता का विरोध किया था। इस कारण मुझे पार्टी से निकाल दिया गया। ऋचा सिंह का कहना है कि अगर भगवान श्रीराम और रामचरितमानस के लिए यह सजा मिली है तो यह सजा मुझे कुबूल है। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी की 10 वर्षों तक सेवा की। पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए लगातार मेहनत की लेकिन पार्टी ने बिना कारण बताओ नोटिस के अंसवैधानिक रूप से हम पर कार्रवाई कर दी।

उधर, अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ऋचा सिंह और रोली मिश्रा के समर्थन में आ गये हैं। उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने दिखा दिया है कि जो राम का अपमान करेगा उसे पार्टी में तरक्की दी जायेगी और जो राम का गुणगान करेगा उसे पार्टी से बाहर कर दिया जायेगा।


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