बेबस 'नीतीश' का छलका दर्द ! कहा- अब तो कर्जा भी नहीं ले पा रहे, इस पर भी रोक लग गई है...
 
                    पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपना दर्द जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि अब तो कर्जा भी नहीं ले पा रहे हैं. पहले पिछड़े राज्य कर्ज लेकर अपना विकास करते थे लेकिन अब तो कर्जा भी नहीं ले सकते. पहले की केंद्र सरकार इस तरह से हस्तक्षेप नहीं करती थी जितना आज कर रही है. पटना में मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वे लोग जब साथ थे तब भी मदद नहीं कर रहे थे, अब अलग हैं तब भी नहीं कर रहे. वैसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. हमलोग अपने प्रयास से बिहार का विकास कर रहे.
अब तो कर्जा भी नहीं ले पा रहे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा गया कि आम बजट को लेकर क्या कहेंगे ? इस पर सीएम नीतीश ने कहा कि क्या करें हम लोग, हम लोग विशेष राज्य का दर्जा की मांग आज से कर रहे हैं ? हम लोग तो शुरू से मांग कर रहे हैं कि विशेष राज्य का दर्जा मिले. हम लोग वर्ष 2011, 12, 13 में कितना मांग किया था, मांग करते रहे हैं लेकिन नहीं हुआ है. खुद से विकास का प्रयास कर रहे हैं. केंद्र को देखना चाहिए ना कि पिछड़े राज्य का विकास कैसे होगा ? आखिर हर राज्य का विकास होना है, हर राज्य का विकास जरूरी है ना. केंद्र को देखना चाहिए, अगर वह देखते तो अच्छा रहता. हम लोगों को बहुत ज्यादा काम करवाना है. यह लोग (केंद्र) नहीं दे रहे हैं तो हम लोग कर्ज लेना चाहते हैं. हम लोग और भी कर्ज लेना चाहते हैं.आज कल तो कर्जा लेने पर भी रोक लगा दिए हैं. इसका मतलब है कि जो गरीब राज्य है वह अपना कर्जा भी नहीं लेगा. केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग कौन काम कर रहे हैं ? इसके पहले केंद्र सरकार ने इस तरीके का हस्तक्षेप नहीं किया था.
अलग हो रेल बजट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग लगातार काम कर रहे हैं. गांव-गांव जाकर विकास के कामों को देख रहे हैं. आगे भी इसी तरह का काम करते रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल का बजट अलग होना चाहिए. पहले रेल बजट पर कितना बहस होता था. सबकी निगाहें रेल बजट पर होती थीं. हम तो चाहते हैं कि फिर से रेल का बजट अलग हो. श्रद्धेय अटल जी की सरकार में हमें रेलवे का काम करने का मौका मिला था. कितना काम हुआ था. ये लोग उस समय की कामों की चर्चा नहीं करते, सिर्फ आज की बात करते हैं.
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    