नालंदा- एक वक्त था जब होली के मौके पर गांव मोहल्ले के बच्चों और युवाओं की टोली एक माह पहले से ही ढोल झाल लेकर गली मोहल्ले में घूम घूम कर होलिका दहन के लिए कर लोगों के दरवाजे पर कहते थे कि " हे जजमानी तोरा सोना के कीबाड़ी दू गो गोईठा द " लकड़ी और गोईठा मांग कर चौक चौराहों पर दोनों चीज का ढेर लगाते थे ।
आज दौर बदला न ही बच्चों युवाओं को इस बात की जानकारी दी गई न कि कोई अब इस तरह से करना चाहता है।बावजूद चली आ रही सांस्कृतिक धार्मिक पारंपरिक होलिका दहन को लेकर बिहारशरीफ के चौक चौराहों पर रात में होलिका दहन के लिए लोगों में उत्साह देखा गया ।
वही होलिका दहन को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट दिखा। अनहोनी की आशंका के देखते हुए सभी चौक चौराहा पर पुलिस वालों के साथ-साथ बिजली कर्मियों और अग्निशमन की टीम की भी तैनाती की गई थी । रात 12 बजकर 27 मिनट पर विधि विधान और पारंपरिक तरीके से होलिका दहन की गई।
रिपोर्ट- राज