पटना हाई कोर्ट ने अररिया लॉ कॉलेज के प्रोफेसर विपिन किशोर मिश्रा के अपहरण मामले में पुलिस की जाँच की धीमी और दिशाहीन कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की।जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने अंजलि प्रिया की याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट ने डी जी पी,बिहार को इस तरह के मामलों में गृह मंत्रालय के 2012 में दिये गये दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देने को कहा।कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी की कि गृह मंत्रालय द्वारा 2012 में ऐसे मामलों की जाँच के लिए दिशानिर्देशों का पूरा पालन पुलिस नहीं कर रही है।
याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार व अधिवक्ता अंकित ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें में अपहरण किये गये प्रोफेसर के खोज के लिए ठोस कार्रवाई नही की जा रही है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि जांच की कार्रवाई की दिशा सही नहीं है और कार्रवाई भी बहुत धीमी रफ़्तार से हो रही है।आज अररिया के एसपी व एसआईटी के सम्बन्धित अधिकारियों को अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे ।कोर्ट ने अपहृत प्रोफेसर की पुत्री अंजली प्रिया की ओर से दायर एक आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था।
इस मामलें पर अगली सुनवाई जनवरी,2024 के तीसरे सप्ताह में होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अबतक इस मामले में की गई जांच की विस्तृत जानकारी जवाबी हलफनामा दायर कर देने का निर्देश एसपी,अररिया को दिया था।उल्लेखनीय है कि 24 सितम्बर,2022 को प्रोफेसर का अपहरण किया गया था।लेकिन पुलिस उन्हें बरामद अब तक बरामद नहीं कर सकी।पुलिस की ढुलमुल रवैया से परेशान होकर उनकी पुत्री ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार व अधिवक्ता अंकित व राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।