DESK : पिछले कुछ महीने से दक्षिण बिहार के नेताओं द्वारा लगातार बिहार के लोगों को लेकर विवादित बयान दिया जा रहा है। जहां कुछ दिन पहले डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तर भारत के राज्यों को गौमूत्र राज्य बताया था। वहीं अब पूर्व केंद्रीय मंत्री व डीएमके नेता दयानिधि मारन ने भी हिंदी पट्टी के राज्यों बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर एक बार फिर विवादित बयान देकर राजनीतिक बहस का मुद्दा खड़ा कर दिया है।
डीएमके (DMK)सांसद दयानिधि मारन ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग जो केवल हिंदी सीखते हैं वो निर्माण कार्यों के लिए तमिलनाडु चले जाते हैं। वह सड़कों और शौचालयों की सफाई जैसे छोटे-मोटे काम करते हैं। मारन ने इसका उदाहरण सिर्फ इसलिए दिया कि यह हिंदी सीखने के परिणामों को दर्शाता है।
गौरतलब है कि इंडी गठबंधन की मीटिंग के दौरान हिन्दी बोलने को लेकर डीएमके नेता टीआर बालू और सीएम नीतीश कुमार के बीच विवाद हो गया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी को हिन्दी बोलना और समझना आना चाहिए।
नीतीश कुमार दें जवाब
अब दयानिधि मारन के इस विवादित बयान को उसी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप को बीजेपी नेता खूब साझा कर रहे हैं इस वीडियो को लेकर बीजेपी नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पर उनकी राय पूछ रहे हैं।
साउथ नेता लगातार कर रहे बिहार के खिलाफ बयानबाजी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उत्तर भारतीय राज्यों के बारे में डीएमके सांसद सेंथिल कुमार की आपत्तिजनक टिप्पणी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की टिप्पणी (जब वह सीएम नहीं थे) को भी इससे जोड़ते हुए मुद्दे को गरम कर दिया है. रेवंत रेड्डी ने कहा था कि तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है. वहीं, अब डीएमके नेता दयानिधि मारन ने इस तरह का ताजा बयान देकर कुछ शांत हुए उत्तर-दक्षिण बहस के मुद्दे को फिर हवा देने का काम कर दिया है