ग्राहकों में कोहराम! RERA ने फर्जीवाड़े में 'हीरा-पन्ना' के निदेशक 'शरद केसरी' से मांगा है जवाब, निबंधन रद्द होने के खौफ से मचा है हड़कंप

PATNA: रेरा के डंडा से फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों में हड़कंप मचा है। रेरा ने फर्जीवाड़े की पोल खोली तो हीरा पन्ना इंफ्रा और इससे जुड़े ग्राहकों में हड़कंप सा है। ग्राहक इस वजह से खौफ में हैं की कहीं बिल्डर के फर्जीवाड़े का खामियाजा उन्हें न भुगतना पड़े। अगर रेरा निबंधन रद्द करता है तो फिर उनका पैसा फंस सकता है। पैसे की वापसी के लिए लड़ाई लड़नी पड़ सकती है। सैकड़ों ग्राहकों का करोड़ों रुपये का क्या होगा? क्या उनके पैसे वापस होंगे यह बड़ा सवाल है। बिल्डरों के फर्जीवाड़े के भुक्तभोगी ग्राहकों को समझ में नहीं रहा कि उनका पैसा लौटेगा भी या नहीं। जिस जमीन पर पहले अग्रणी होम्स ने प्रोजेक्ट बनाकर ग्राहकों से करोड़ों रू लिये उसी जमीन पर हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट्स ने रजिस्ट्रेशन करा बुकिंग शुरू की थी. देर से ही सही लेकिन रेरा ने अब जाकर सख्त कदम उठाया है।
गच्चा देने वाले हीरा-पन्ना इंफ़्रा के निदेशक से शो-कॉज
पटना के रूपसपुर नहर रोड के सूरज सुमन नगर में अग्रणी होम्स ने 2013 में बिना निबंधन के ही बुकिंग शुरू कर दी थी. ब्लॉक ए, बी व सी प्रोजेक्ट के लिए ग्राहकों से एडवांस में करोड़ों रुपए लिए गए थे . बुकिंग शुरू की 2013 में और लैंड एग्रीमेंट किया गया 2018 में। अग्रणी होम्स के एमडी आलोक कुमार ने जमीन मालिक मनीष सिंह से 2018 में लैंड एग्रीमेंट किया. इसी साल प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन को लेकर रेरा में आवेदन दिया. लेकिन अचानक ही वर्ष 2019 में ही जमीन मालिक ने ग्राहकों को सूचना दिए बिना ही पैसे विवाद में लैंड एग्रीमेंट रद्द कर दिया. इसी बीच वर्ष 2019 में हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट के शरद केसरी ने उसी जमीन पर जमीन मालिक से लैंड एग्रीमेंट कर लिया। इस वजह से सूरज सुमन प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले सैकड़ों ग्राहकों का पैसा फंस गया. शरद केसरी ने जमीन एग्रीमेंट के बाद द क्राउन नाम से आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया . 2021 में रेरा ने रजिस्ट्रेशन भी दे दिया . हालांकि मामले के खुलासे के बाद रेरा ने हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट के निदेशक से शो-कॉज पूछा है कि तथ्य छुपाने के आरोप में क्यों न आपका रजिस्ट्रेशन रदद् कर दिया जाए और जुर्माना लगाया जाए। रेरा ने हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के निदेशक शरद केसरी से 30 दिनों में जवाब मांगा है।
हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट की खुल गई पोल
बिहार के कई बिल्डर अब तक ग्राहकों को ही धोखा दे रहे थे। अब तो अपार्मेंट निर्माण में लगे बिल्डर रेरा को ही गच्चा दे रहे। हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी ने तो रेरा को ही धोखा दे दिया। रेरा ने हीरा-पन्ना पर तथ्य छुपाने के आरोप में 'द क्राउन' के फ्लैट या अपार्टमेंट की बिक्री और अनुबंध पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। रेरा ने 29 सितंबर के आदेश में कहा कि तीस वर्किंग डे में जवाब दें. रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने तथ्य छिपाकर विवादित भूमि पर परियोजना का निबंधन कराने के मामले को लेकर सख्त आपत्ति जताई है।इसके बाद निबंधन आइजी को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस परियोजना से जुड़े किसी भी फ्लैट व अपार्टमेंट का निबंधन न करने का निर्देश दें। रेरा ने कंपनी के निदेशक शरद केसरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपकी परियोजना का निबंधन रद कर दिया जाए और आर्थिक दंड लगाया जाए? इसको लेकर कंपनी से 30 दिनों में जवाब मांगा गया है।
दो बिंदूओं पर शो-क़ॉज
अब रेरा ने इस जुर्म में हीरा-पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के निदेशक से जवाब मांगा है। तीस दिनों में निदेशक शरद केसरी को जवाब देना होगा। रेरा ने दो बिंदूओं पर जवाब मांगा है। पहला यह कि क्यों न रेरा की धारा -7 के तहत तुरंत प्रभाव से प्रोजेक्ट के निबंधन को रद्द कर दिया जाए। दूसरा यह कि क्यों न इस आरोप में जुर्माना लगाया जाए? अगर कंपनी तय समय में जवाब दाखिल नहीं करती है तो निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।