DESK : 90 के दशक में कलाईयों पर जो घड़ी सबसे ज्यादा नजर आती थी, वह थी एचएमटी। शादी हो या कोई अन्य समारोह हर जगह एचएमटी स्टेट्स सिंबल बन गया था। 'देश की धड़कन' के स्लोगन के साथ 90 के दशक में एचएमटी नाम घड़ी का पर्याय सा बन गया था। लेकिन, फिर एचएमटी की बुरी घड़ी(समय) आ गई। टिक-टिक करतीं चाबी वाली घड़ियों की जगह लेटेस्ट डिजाइन और फीचर वाली घड़ियों ने ले ली और फिर स्मार्टवॉच का जमाना आ गया। नतीजा यह हुआ कि एचएमटी की घड़ियां बाजार से एक तरह से लुप्त हो गई। यहां तक कि कंपनी ने प्रोडक्शन भी बंद कर दिया। लेकिन अब एक बार फिर उम्मीद जागी है कि HMT घड़ी वापसी कर सकती है।
मंत्रालय ने मांगी पूरी डिटेल
Modi 3.0 में कई सरकारी कंपनियों के पुनरुद्धार का प्लान है. इसे लेकर केंद्र के हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्टर एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने सबसे पहले एचएमटी घड़ी बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड (HMT Ltd) के मैनेजमेंट के साथ बैठक की और पीटीआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी मैनेजमेंट से रिवाइवल का प्रपोजल (HMT Ravival Plan) बनाने को कहा है. इसमें कहा गया है कि एच. डी. कुमारास्वामी ने एचएमटी घड़ी के बिजनेस, टर्नओवर और नेट प्रॉफिट समेत अन्य डिटेल मांगी है।
कंपनी के बढ़ गए शेयर में आई तेजी
HMT Watch के कारोबार को लेकर हुई इस अहम बैठक की खबर जैसे ही सामने आई, इसका सीधा असर हिंदुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड के शेयरों पर दिखाई दिया. नए सप्ताह में जैसे ही शेयर मार्केट (Stock Market) ओपन हुई तो HMT Share में तूफानी तेजी के साथ अपर सर्किट लग गया. ये सिलसिला लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा।
62.53 रुपए प्रति शेयर पहुंच गया भाव
बाजार में कारोबार की शुरुआत के साथ ही Hindustan Machine Tools Share में 4.99 फीसदी का अपर सर्किट लगा. मार्केट क्लोज होने पर ये 7530 करोड़ रुपये मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली इस कंपनी का शेयर 62.53 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. बीते 21 जून को इस स्टॉक की कीमत 56 रुपये थी, जो सोमवार को 59.56 रुपये और मंगलवार को 62.53 रुपये हो गई।
जवाहर लाल नेहरु ने शुरू की थी कंपनी
एचएमटी घड़ी के सफर पर एक नजर डालें, तो इसका प्रोडक्शन पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय में शुरू हुआ था. एचएमटी यानी हिंदुस्तान मशीन टूल्स की स्थापना होने के बाद साल 1961 में HMT Watch देश में बननी शुरू हो गई. कंपनी ने जापान की सिटिजन वॉच कंपनी (Citizen Watch Company) के साथ मिलकर मैन्युफैक्चरिंग स्टार्ट की थी. कंपनी की पहली घड़ी चाचा प्रधानमंत्री नेहरू के लिए बनाई थी. इसके बाद 70-80 के दशक तक एचएमटी की घड़ियों का बिजनेस रफ्तार पकड़ते हुए बुलंदियों पर पहुंच गया।