पटना- बिहार होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवा की पुलिस महानिदेशक शोभा अहोतकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. उनके हीं विभाग की डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू ने डीजी शोभा अहोतकर पर विभाग में अनियमितता, सुनियोजित तरीके से फंसाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया है. डीआइजी ने इस संबंध में एक 13 पन्ने का एक पत्र लिखा है. जो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह पत्र बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को भी भेजा गया है. हालांकि डीजी ने आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि डीआइजी लगातार गलती पर गलतियां करती रहीं और अब विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए मामले को दूसरा मोड़ दे रहीं हैं.
वहीं गृह विभाग ने बिहार होमगार्ड सह फायर सविर्सेज की डीआईजी अनुसूइया रणसिंह साहू के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू होगी. सूत्रों के अनुसार डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू के खिलाफ गृह विभाग को कार्रवाई के लिए उनके ही विभाग बिहार होमगार्ड सह फायर सर्विसेज की डीजी शोभा ओहटकर की तरफ से 6 बार अनुशंसा की गई है. बता दें अनुसूया रणसिंह साहू इससे पहले भी वरीय पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाने सहित कई दूसरे मामलों को लेकर चर्चा में रही हैं. बिहार होमगार्ड सह फायर सर्विसेज के सूत्र का कहना है कि विभाग में पोस्टेड सभी पुरुष अधिकारी अपने महिला डीआईजी से डर कर ड्यूटी कर रहे हैं. कथित तौर पर वे अपने वरिष्ठ को भी रेप के केस में फंसा देने की धमकी तक दे डाली थी.
सूत्रों के अनुसार डीजी की अनुशंसा के आधार पर ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने डीआईजी से स्पष्टीकरण मांगा. सूत्रों ने बताया कि डीआईजी ने अपनी तरफ से स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया. इसके बाद ही सोमवार को गृह विभाग ने अनुसूइया रणसिंह साहू के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है.
बता दे डीआईजी अनुसूया रणसिंह साहू ने एक पत्र लिखा है जिसमें शोभा अहोतकर पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि कि मार्च 2023 में पोस्टिंग के बाद अग्निशमन वाहन की खरीद में बिहार सरकार को हो रहे 6.5 करोड़ रुपये के भारी नुकसान को उन्होंने रोका. इसके बाद होमगार्ड जवानों की पोस्टिंग में वसूली मामले की जांच भी उन्होंने की. इसके बाद से ही उनको टारगेट किया जाने लगा. यह कई घटनाओं के माध्यम से सामने आयी. झूठे, दुर्भावनापूर्ण, सतही और मानसिक प्रताड़ना देने के उद्देश्य से बिना साक्ष्य के आरोप लगाये गये. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि डीजी शोभा अहोतकर उन्हें फंसाने के लिए साजिश रच रही हैं और उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी किया जा रहा है. डीआइजी का कहना है कि उनके पूरे परिवार को जान का खतरा है और उन्होंने इस मामले पर वरीय अधिकारियों को ध्यान देने के लिए कहा है.
बता दें मंगलवार को बगैर पत्रांक, बगैर तारीख और बगैर हस्ताक्षर के 13 पन्नों का एक त्राहिमाम नाम का पत्र बहुत तेजी से वायरल हुआ. पढ़ने पर ऐसा लगा कि इस वायरल पत्र को बिहार होमगार्ड और फायर सर्विसेज की ही डीआईजी अनुसूइया रणसिंह साहू ने लिखा है. पत्र के अंतिम पन्ने पर न तो उनका हस्ताक्षर था और न ही तारीख.
वहीं इस मामले में होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवाएं की महानिदेशक शोभा अहोतकर ने कहा कि जो काम नहीं करना चाहते, उनको ही हमसे परेशानी होती है. उनके डर से हम अपना काम करना नहीं छोड़ सकते. महिला डीआइजी की मार्च में पोस्टिंग के बाद उनसे मेरी मात्र एक बार मीटिंग में मुलाकात हुई. उसके बाद मुझे आवेदन दिये बगैर तीन माह तक छुट्टी पर रहीं.महानिदेशक शोभा अहोतकर ने कहा कि योगदान देने के बाद कार्यालय के सहकर्मियों के साथ उनका रवैया काफी खराब रहा. महिला के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई को लेकर गृह विभाग को अब तक छह पत्र भेजे गये हैं. इस मामले में गृह विभाग ने उनसे स्पष्टीकरण भी पूछा है, जिसका कोई जवाब अब तक उन्होंने नहीं दिया.महानिदेशक शोभा अहोतकर ने कहा कि 6 बार उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के लिए गृह विभाग को लिखा है. आगे कदम गृह विभाग को ही उठाना है. इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कहना है. उन्होंने कहा कि पत्र क्यों वायरल किया गया? इसके बारे में लोग खुद सोंच सकते हैं.सूत्र के अनुसार 2023 मार्च महीने में IPS अनुसूइया रणसिंह साहू की पोस्टिंग राज्य सरकार ने बिहार होमगार्ड सह फायर सर्विसेज में की थी. उन्होंने ज्वाइन किया और डीजी से छुट्टी लिए बगैर लगातार तीन महीने तक वो दफ्तर नहीं आईं. ये मामला मुख्य सचिव तक पहुंचा, जिसके बाद उनके वेतन रोक लगाने का आदेश जून महीने में जारी हुआ. जैसे ही इस आदेश की जानकारी डीआईजी को हुई तो वो उसके अगले ही दिन दफ्तर पहुंच गईं.
वहीं पत्र में दावा किया गया है कि साल 2023 में 21 मार्च को डीजी शोभा ओहटकर छुट्टी पर जाने वाली थीं. वायरल पत्र के अनुसार रिव्यू करने के लिए 15 फाइल डीजी ने डीआईजी को सौंपा था. इनमें से 3 फाइल में गड़बड़ी की बात अनुसूइया रणसिंह साहू ने अपने रिव्यू के दौरान पकड़ा. एक फाइल सर्विसेज के लिए 138 गाड़ियों की खरीद का था. वायरल लेटर में दावा किया गया है कि रिव्यू कर अनुसूइया ने राज्य सरकार का 6.5 करोड़ रुपए का भारी नुकसान होने से बचा लिया है. क्योंकि, गाड़ियों के दाम में भारी गड़बड़ी थी. दावा यह भी किया गया है कि जब इस बात की जानकारी कॉल कर डीजी को दी गई तो उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक गुस्से में अनुसूइया रणसिंह साहू को काफी कुछ कहा. यहां तक की गाली-गलौज करने का भी आरोप लगाया गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि डीआईजी की तरफ से गड़बड़ी पकडे़ जाने के कारण ही गाड़ियों के खरीदने के कांट्रैक्ट को कैंसिल कर दिया गया.
बहरहाल बिहार होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवा की पुलिस महानिदेशक शोभा अहोतकर और डीआईजी अनुसूइया रणसिंह साहू के बीच विवाद अब गृह विभाग में पहुंच गया है. मामले में गृह विभाग पहले हीं डीआईजी अनुसूइया रणसिंह साहू के वेतन पर रोक लगा चुका है, पत्र विवाद के बाद विभाग क्या कार्रवाई करता है देखना बाकी है,वैसे सूत्र का कहना है कि गृह विभाग इस पर कड़ा निर्णय ले सकता है.