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ये कैसे संभव! बेतिया में जिला कल्याण पदाधिकारी ने भविष्य के नाम से जारी किये लेटर, 15 तारीख को बना दिया 21, पूछने पर दिया गजब का उत्तर

ये कैसे संभव! बेतिया में जिला कल्याण पदाधिकारी ने भविष्य के नाम से जारी किये लेटर, 15 तारीख को बना दिया 21, पूछने पर दिया गजब का उत्तर

बेतिया. प. चम्पारण के जिला कल्याण पदाधिकारी का अजब गजब लेटर आया है, जो चर्चा का विषय बना है। कहा जाता है कि एक सच को छुपाने के लिए कई झुट बोलना पड़ता है, ऐसी कहानी बेतिया में चिरितार्थ हुई है। यहां जिला कल्याण पदाधिकारी भविष्य के लिए भी पहले से ही लेटर निकाल दिये हैं। दरअसल, जिले में आवासीय विद्यालय में सफाई कर्मी और प्रहरी की सेवा को लेकर जिला कल्याण पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। जिला कल्याण पदाधिकारी के इस लेटर में 21 अक्टूबर 2022, ज्ञापांक 2195 दर्ज है, जबकि यह लेटर 15 अक्टूबर को जारी किया गया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अधिकारी ने एक सप्ताह पहले के नाम से कैसे लेटर जारी कर दिया है। वहीं मामले को लेकर उनसे बात की गयी, तो उन्होंने लेटर के बारे में इनकार कर दिया है।

अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाती प. चम्पारण के जिला कल्याण पदाधिकारी कमलेश कुमार वर्तमान के साथ ही भविष्य का भी लेटर निकाल देते हैं। वहीं इस संबध में डाॅली शिक्षा सह समाज कल्याण संस्थान के सचिव सुधीरकांत शुक्ला ने बताया कि जिला कल्याण पदाधिकारी का सभी आरोप बेबुनियाद है। वह खुद (जिला कल्याण पदाधिकारी) कई आरोपों से घिरे हुए हैं, जो की हतोत्साहित हो मुझे परेशान करने के लिए हमेशा बेबुनियाद लेटर निकालते हैं। जबकी मेरे द्वारा सरकार द्वारा दिया गया सभी दिशा निर्देश का पालन करते हुए बहाली की गयी है।

सुधीरकांत शुक्ला ने बताया कि मेरे द्वारा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाती आवासिय विद्यालय के सामानों की सुरक्षा के लिए रखवार/चौकीदार रखा गया, न की प्रहरी। अभी देख लीजिए 21 अक्टूबर 2022 के आने में 5 दिन है और मेरे खिलाफ 21 अक्टूबर 2022 के ज्ञापांक स्पष्टीकरण निकाला गया है। साथ ही सुधीरकांत शुक्ला ने यह भी बताया कि इस मामले में बिहार सरकार की अनुसूचित जाती अनुसूचित जनजाती के सचिव के पास इस मामले का आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

वहीं जब इस मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी कमलेश कुमार से फोन से इस लेटर के बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमको नहीं पता है कि कैसा लेटर निकला है। जबकी उन्ही के दस्तखत से लेटर निकला पत्र डाॅली शिक्षा सह समाज कल्याण संस्थान चनपटिया के सचिव सुधीरकांत शुक्ला को मिला है, जवाब देने को। इसके पूर्व के जिला कल्याण पदाधिकारी के आदेश पर विद्यालय में रखवार रखा गया था न कि सुरक्षा प्रहरी जिसे श्रम विभाग के नियमानुसार उन्हे पारिश्रमिक दिया जाता रहा है।

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