पटना- अगर आप लंबे समय तक स्वस्थ, चुस्त दुरुस्त रहना चाहते हैं तो टहलने की आदत डाल लीजिए. जिस तरह रोज आप खाना खाते हैं और पानी पीते हैं उसी तरह टहलें जरूर. टहलने से शरीर सक्रिय रहता है और बीमारियां कोसो दूर रहती हैं.
चिकित्सकों के अनुसार सुबह- शाम टहलने से पूरे शरीर गतिशील रहता है.आईजीआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय का कहना है कि टहलने से सभी अंग तेजी से काम करने लगते हैं. अगर आप रोज पैदल चलते हैं तो आपको किसी और एक्सरसाइज की जरूरत नहीं है. उनहोंने बताया कि किसी भी उम्र के लोग वॉक कर सकते हैं.टहलने से वजन नियंत्रित रहता है और इसके कई अन्य फायदे भी हैं.
डॉ उपाध्याय के अनुसार जो लोग नियमित रुप से चलते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं. पैदल चलने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है. टहने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है. साथ हीं रोज पैदल चलने के शरीर को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है. पैदल चलने से बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छा होतो है जिससे फेफेड़े स्वस्थ्य और मजबूत होते हैं.
एक स्वस्थ्य व्यक्ति को कितनी देर चलना चाहिए पर डॉ रोहित ने बताया कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति को कितना चलना चाहिए, यह उसकी उम्र और बॉडी पर निर्भर करता है. हर व्यक्ति के लिए एक मापदंड तय नहीं किया जा सकता है.आपको कितना चलना चाहिए इस बात का पता आप अपने डॉक्टर से मिलकर कर सकते हैं.
आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार एक बच्चे को रोजाना कम से कम एक घंटे का शारीरिक गतिविधि करने की सलाह दी जाती है,बच्चा खेल-कूद करके भी फिट रह सकता है. वहीं व्यस्क लोगों को कम से कम हर दिन 6-7 हजार कदम चलना चाहिए, इससे वे फिजिकली एक्टिव और फिट रहेंगे. उन्होंने बताया कि खाना खाने के तुरंत बाद टहलना नहीं चाहिए हल्का खाना खाया है तो खाने के 1-2 घंटे बाद वॉक कर सकते हैं. टहलने के बाद तुरंत खाना नहीं खाना चाहिए क्योकि टहलने के बाद शरीर का तापमान बढ़ा होता है,पैदल चलने से दिमाग तेज होता है. चलने पर मस्तिष्क में बदलाव होते है जिसका असर दिमाग पर भी पड़ता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि पैदल चलने से दिमाग और तंत्रिका तंत्र में मौजूद हॉर्मोन बढ़ते हैं जिससे तनाव भी कम होता है.
अगर आप व्यस्त रहते हैं ,टहलने का समय नहीं मिल रहा तो दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव कर स्वस्थ्य रह सकते हैं.मसलन लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें,बैठेने की बजाए चलते हुए फोन पर बात करें,बहुत देर तक एक ही जगह पर न बैठे.
हाल ही में पोलैंड की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉड्ज की एक रिसर्च के मुताबिक रोजाना 4,000 कदम चलने से जल्दी मरने का खतरा कम हो जाता है। इसमें यह भी कहा गया कि रोज केवल 2,337 कदम भी चलने से दिल की बीमारियों से मरने का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
बहरहाल, अपने लिए समय निकालें टहले और स्वस्थ्य रहे.टहलना व्यायाम का सबसे प्राकृतिक ढंग है. इसके लिए प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं होती. कोई भी इसे अपनी रोजमर्रा जीवन और सुविधा के अनुसार कर सकता है.